कैसे डॉ हेरिंग होमियोपैथ का झंडा उठा लिये
डॉ हेरिंग का जन्म जनवरी 1800 में हुआ था. वे प्रसिद्ध शल्य चिकित्सक के साथ-साथ होमियोपैथी के कट्टर विरोधी थे. वर्ष 1824 की बात है. किसी रोगी का आपरेशन करते समय डॉ हेरिंग के दाहिने हाथ की उंगली कट गयी. घाव पक कर सड़न बढ़ने लग गयी. एलोपैथी में उनका रोग लाइलाज साबित हो गया. अब उनका हाथ काटने की नौबत आ गयी, तब डॉ हैनिमैन के शिष्य डॉ कमर ने होमियोपैथी की आर्सेनिक एल्ब 30 शक्ति की चार खुराक दवा से डॉ हेरिंग की उंगली को ठीक कर दिया. अपने ऊपर होमियोपैथी के इस रहस्य को देख डॉ हेरिंग एलोपैथी को तिलांजलि देकर महात्मा हैनिमैन के शिष्य बन गये.
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