अंगुल वेड़ा के रोग में उंगुली के आगे बड़ी जलन, दर्द और सूजन हो जाती है. जिसे दूर करने के लिए हमारे आयुर्वेदाचार्य अंगुल वेड़ा पर आक के दूध को लगा कर सर्प की केंचुली चिपका देते हैं और उसी समय से जलन और कड़क शांत हो जाती है. दिन में दो बार दो दिन तक लगाने से आशातीत लाभ मिलता है.
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