परचून की दुकान पर आम मिलने वाला ‘चूना’ काफी गुणकारी है। आयुर्वेद विभाग के अधिकारियों की माने तो अकेले चूना का प्रयोग से बच्चे से बुढ़े तक कभी बीमार नहीं होते। आयुर्वेदिक औषधियों में इसे सबसे सस्ता माना जाता है। जो करीब 70 बीमारियों को खत्म करने में अकेला ही काफी है।
भारतीय चिकित्सा परिषद के सदस्य डॉ. जितेंद्र गिल ने बताया कि मनुष्य के शरीर को सबसे ज्यादा कैल्शियम की जरुरत होती है। कैल्शियम को सबसे जल्दी और ज्यादा मात्रा में चूना ही दे सकता है। रुटीन में चूने का प्रयोग करने से फायदे हैं। यदि कोई व्यक्ति किसी बीमारी से पीडि़त है तो उसे बीमारी के अनुसार चूना को लेना होगा। उन्होंने बताया कि चूना का एक टुकड़ा छोटे से मिट्टी के बर्तन मे डालकर पानी से भर दें। चूना गलकर नीचे चला जाएगा और पानी ऊपर होगा। इसका एक चम्मच पानी किसी भी खाने की वस्तु के साथ लेना है। 50 के उम्र के बाद कोई कैल्शियम की दवा शरीर मे जल्दी नहीं घुलती, जबकि चूना तुरंत घुल व पच जाता है।
गेहूं के दाने के बराबर चूना रोज दही में मिला के खाना चाहिए। दही नहीं है तो दाल में मिला के खा सकते हैं। यदि दाल भी नहीं मिला तो पानी के साथ पी सकते हैं। लंबाई बढऩे के साथ स्मरण शक्ति भी बहुत बढ़ती है।
गर्भवती मां व उसके बच्चे के लिए लाभदायक
अनार के रस का एक कप में चूना को गेहूं के दाने के बराबर मिलाकर रोजाना पीने से गर्भवती मां व उसके बच्चे का स्वास्थ्य बना रहता है। ऐसा नौ महीने तक किया जाना चाहिए। ऐसा करने से गर्भवती महिला को बच्चे के जन्म के समय कोई तकलीफ नहीं होती। डिलीवरी भी नॉर्लम होती है।
इन बीमारियों में लाभदायक है चूना
डॉ. गिल ने कहा कि चूना से कई बीमारियों पर काबू पाया जा सकता हैं। इनमें घुटने का दर्द, पीलिया, कमर का दर्द, कंधे का दर्द, रीढ की हड्डी, मुंह में ठंडा-गरम लगना, मुंह में अगर छाले, शरीर में खून बढ़ाने, घुटने में घिसाव व पत्थरी को ठीक करने में लाभदायक है
भारतीय चिकित्सा परिषद के सदस्य डॉ. जितेंद्र गिल ने बताया कि मनुष्य के शरीर को सबसे ज्यादा कैल्शियम की जरुरत होती है। कैल्शियम को सबसे जल्दी और ज्यादा मात्रा में चूना ही दे सकता है। रुटीन में चूने का प्रयोग करने से फायदे हैं। यदि कोई व्यक्ति किसी बीमारी से पीडि़त है तो उसे बीमारी के अनुसार चूना को लेना होगा। उन्होंने बताया कि चूना का एक टुकड़ा छोटे से मिट्टी के बर्तन मे डालकर पानी से भर दें। चूना गलकर नीचे चला जाएगा और पानी ऊपर होगा। इसका एक चम्मच पानी किसी भी खाने की वस्तु के साथ लेना है। 50 के उम्र के बाद कोई कैल्शियम की दवा शरीर मे जल्दी नहीं घुलती, जबकि चूना तुरंत घुल व पच जाता है।
गेहूं के दाने के बराबर चूना रोज दही में मिला के खाना चाहिए। दही नहीं है तो दाल में मिला के खा सकते हैं। यदि दाल भी नहीं मिला तो पानी के साथ पी सकते हैं। लंबाई बढऩे के साथ स्मरण शक्ति भी बहुत बढ़ती है।
गर्भवती मां व उसके बच्चे के लिए लाभदायक
अनार के रस का एक कप में चूना को गेहूं के दाने के बराबर मिलाकर रोजाना पीने से गर्भवती मां व उसके बच्चे का स्वास्थ्य बना रहता है। ऐसा नौ महीने तक किया जाना चाहिए। ऐसा करने से गर्भवती महिला को बच्चे के जन्म के समय कोई तकलीफ नहीं होती। डिलीवरी भी नॉर्लम होती है।
इन बीमारियों में लाभदायक है चूना
डॉ. गिल ने कहा कि चूना से कई बीमारियों पर काबू पाया जा सकता हैं। इनमें घुटने का दर्द, पीलिया, कमर का दर्द, कंधे का दर्द, रीढ की हड्डी, मुंह में ठंडा-गरम लगना, मुंह में अगर छाले, शरीर में खून बढ़ाने, घुटने में घिसाव व पत्थरी को ठीक करने में लाभदायक है
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