शनिवार, 15 नवंबर 2014

होम्यो पैथी अपनाये रोग दूर भगाये भाग -५

होम्यो पैथी अपनाये रोग दूर भगाये भाग -५


६४-अन्शुल १२ साल जब भी आलू के  पराठा खा  लेता उसके  पेट मे दर्द होने लगता अल्युमिना ३० की तीन खुराको मे ही  उसे आराम आ गया।

६५-राकेश ५४ साल के पैरो की चमडी सख्त हो जाती जिससे उन्हे चलते वक्त पैरो मे दर्द होता । फ़्लोरिक एसिड-२०० की तीन खुराको मे ही आराम आ गया।

६६-विनोद यादव ५५ साल को हर समय गले मे खराश रहती बलगम गले मे गिरती रहती  जिससे खासी आती रहती । कोरल रुब्रम ३० तीन बार रोज देने से एक सप्ताह मे उसकी यह तक लीफ़ सही होगयी।

६८-मनोज २८ साल खासी से बहुत परेशान थे सुबह उठते ही खासी का दौरा पडता  और जब तक मोटी सी बलगम उल्टी के साथ  निकल  नही जाती तब तक  आराम नही आता । दातो मे ब्रुश करने पर  भी  खासी आ जाती  काकस कैक्टी ३० की तीन खुराको मे ही काली खासी के दोरे से आराम आगया।

६९-ब्रजेश ३४ साल जब भी नाक साफ़ करते तो बलगम के साथ खून के निशान होते फास्फोरस २०० की तीन खुराके प्रति दिन तीन दिन तक दी बलगम के साथ खून आना बन्द हो गया।

७० श्री मती विमला ४० साल सुबह उठ कर जमीन पर पैर नही रख सकती थी एडी मे बहुत दर्द होता थोडा चलने से दर्द ठीक हो जाता था। कोलो सिन्थ -३० तीन बार रोज चार दिनो तक लेने से यह दर्द ठीक होगया।  याद रक्खे सुबह उठते समय जमीन पर पैर रखने पर एडी मे दर्द हो और थोडा चलने से इस दर्द मे आराम आजाये तो इस की दबा कोलो सिन्थ है।

७१ सुमन शर्मा  आयु ६० साल पिछले चार साल से निपिल के किनारे से खून निकलता था। कभी बन्द भी हो जाता था । कभी उसे पता भी न चलता और उस की बनियान लहू से भीग जाती   थी कोई दर्द भी न होता था। जब उससे परिवार की हिस्ट्री बारे मे जानकारी की तो पता चला कि उस के चार भाई बहिन मरे हुये पैदा हुये थे उस्के स्वय के भी मरे हुये  ब्च्चे पैदा हुय़ॆ थे ये लछण सिफ़लायनम दवा की ओर सकेत करते  है सिफ़लायनम१ एम० की एक खुराक प्रति सप्ताह चार सप्ताह तक दी  आराम मिल गया।

७२- लाली ५६ साल को कपकपी की शिकाय त थी उठते बैठते हुये उसके पैर कापते थे। सोते समय कपकपी की शिकायत न थी  अगरीकस -२०० की ए क खुराक प्रति दिन देने से तीन दिन मे आरम अगया।

७३-राम बेटी को शाम ८ बजे रात्रि मे पेट दर्द का ऐसा दौरा पडा कि लेने के देने पड गये दर्द की शिकायत पुरानी थी पेट दर्द एक खास नुक्ते पर ही था।इ स के लिये काली बाइक्रोम २०० तीन दिन त क देने से फिर दो बारा दर्द का दौरा नही पडा।

७४-कमलेश कुमारी आयु २१  साल पिछ्ले दो  सालो से हाथ  पर एक्जिमा  होने की वजह से बहुत परेशानी थी । एक साल तक इलाज कर वाया लेकिन आराम नही मिला टागो के ऊपर वाले
भाग पर नीले नीले निशान हो गये थे। हर समय टागो मे खारिस  सी महसूस  होती हाथो की  खाल उतरनी शुरु होगयी थी खुली हवा मे बैठने से आरम आ जाता था काली बाइ क्रोम २०० तीन दिन तक देने से खारिस  ठीक हो गयी। याद रहे जब खारिस  मे  आराम खुली हवा मे बैठने से  आये तो काली बाइक्रोम  दे।

७५-  दिनेश ५५ साल को पीठ दर्द  हो ता था सोते समय वह करवट भी नही ले सकता था ।पहले उठ कर बैठता फिर करवट  बदलकर लेटता नक्सवोमिका -२०० की एक खुराकती न दिन  तक देने से आराम आगया। याद रहे जब  मरीज लेटे हुये अपनी  करवट भी नही ले सके तो उसे नक्सवोमिका दे।

७६-हर प्रीत१८ साल सुबह उठी तो उस का मुह अन्दर से बिल्कुल खुश्क था जीभ भी  इतनी खुश्क थी  कि अन्दर ऊपर के जबडे से चिपक गयी नक्स माश -३० की तीन खुराके लेने से यह
तकलीफ  दूर होगयी। याद रखो  जब मुह के अन्दर इतनी खुश्की हो कि जो भी ऊपर जबडे के साथ  चिपक जाये तो नक्स माश ।

७७-विपिन ५ साल को सास की तकलीफ थी खासी के कार उसकी छाती आवाज करती थी। एन्टिम टार्ट -३० की तीन खु राक से खासी और सास की तक लीफ़ दोनो मे आराम आगया।

७८-श्री मती कमला ४६ साल ट्रेन मे चढते समय पैर मे मोच आगई ऐसा लगा जैसे हड्डी टूट गयी हो एक्सरे मे सही निकली आर्निका १ एम० देने से आराम आगया लेकिन २ साल बाद फ़िर उसी स्थान पर दर्द शुरु हुआ और ऐसा लगा जैसे घुटने का जोड स्थिर हो साइलेशिया २०० की तीन  खुराक प्रति दिन देने से तीन दिन मे आरम अगया।हड्डी जुडने के बाद उस्मे  अकडन रह जाये तो साइलेशिया से आराम आ जाता है।

७९-शकुन्तला देवी ५४ साल को बहुत सास चढता जरा से काम करने से सास फ़ूल जाता था।  पल्सटिला -३० की तीन खुराको मे ही रोगी को आराम मिल गया।

८०-सूरज गुप्ता ३६ साल बार बार पेट मे गड बडी होती और ट्ट्टी की हाजत होती थी पोट पर बैठने पर  ट्ट्टी  की जगह  केव ल लेस ही निकलता मर्क सोल -१ एम० की  एक खुराक तीन दिन तक  लेने से रोगी को आराम मिल गया।

८१- अर्चना ३८ साल पीठ मे दर्द ऐसा महसूस होता जैसे पीठ के निचले हिस्से मे दर्द  भर गया हो  एस्कूलस हिप -३० की की दो खुराक लेने से रोगी को आराम मिल गया।

८२- कमला अग्रवाल सायटिका के दर्द से परे शान दर्द दाई ओर से चल कर जाघ के बाहरी ओर  से होता हुआ पैरो की उगलियो तक होता हुआ मह सूस होता था। फाइटो लक्का -३० की तीन खुराको मे ही रोगी को आराम मिल गया। याद रक्खो जब सायटिका का दर्द जांघ के बाहरी ओर से  नीचे उतरे तो  फाइटोलक्का से आराम मिलता है ।अगर ये दर्द जांघ के पिछली तरफ़ से
उतरे  तो कोलोसिन्थ से आराम आता है।

८३-अम्ब्ररीश  २४ साल कुछ  भी खाता तुरन्त ट्ट्टी के लिये जाना पडता अरजेन्ट्मनाइट्रिकम -३० देने से आराम होगया।

८४- मनोज २४ साल कुछ भी खाने से कतराता था क्यो कि खाते ही पेट मे दर्द हो जाता था काली बाइक्रोमेट -३० लेने से आराम आगया । इस रोग की दूसरी दवा नक्स माश है

८५-सन्जीव आयु ५५ साल को गले मे बहुत दर्द था और यह दर्द गले से कान तक आ जाता था। फाइटो लक्का -२०० लेने से आराम आगया।

८६-राघवेन्द्र४० साल बबासीर की पुरानी शिकायत कभी कभी खून भी निकल आता बहुत दर्द होता था। बबासीर अंगूर के गुच्छे के तरह मलद्वार के रास्ते मे ट्ट्टी के निकलने मे रुकावट डालता।
एलोज -२००  की दो खुराक लगातार एक हफ़्ते तक  देने से बबासीर मे आराम आगया।

८७-सीमा १४ साल स्कूल से धूप मे जब वापिस आई तो उस के सिर मे बहुत दर्द  था । सिर आगे झुकाने से आराम आ जाता था। सिर पीछे करने से  दर्द बढ जाता था। ग्लोनाइन -३० देने से आराम आगया। यदि सिर दर्द आगे झुकाने से बढजाये  तो बेलाडोना से आराम आ जाता है।

८८- अशोक १८ साल का पेट तंबूरे की तरह  फ़ूला हुया था पेट की गैस किसी भी तरीके से बाहर नही निकलती  डकार आने से  भी तबियत हल्की नही  होती चायना -३० की देने से आराम आ गया।  

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