सोमवार, 28 नवंबर 2016

मासिक धर्म की आम तकलीफ़ों का समाधान होम्योपैथी द्वारा


 मासिक शुरु होने से पहले भूख न लगना,थकावट पेट में बहुत दर्द लाल चेहरा,सिरदर्द हो  ऐसे में Beladona-30 की 5-5 बूंद सुबह शाम लें

यदि यूटेरस में झिल्ली द्वारा रुकावट  के कारण मासिक दर्द होने  पर Borex-30 की 5-5 बूंद सुबह शाम लें

मासिक से पहले जरायु में ऐंठन कमर दर्द ,ठंड महसूस होने पर Caulophyllum-30 की 5-5 बूंद सुबह शाम लें

पेट में दर्द के कारण रोगी पेट को दबाये दोहरा हो जाये तकिये से या हाथ से पेट को दबाये तो Colosinth-30 की 5-5 बूंद सुबह शाम लें

रोगी के दोहरा होने पर दर्द ज्यादा होता है पेट में दबाब डाल ने पर दर्द बढता है, रोगी खडा हो जाये तो दर्द कम हो जाता है।ऐसे में Dioscoria-30 की 5-5 बूंद सुबह शाम लें

मासिक के समय लडकियों का स्वभाव चिडचिडा बात बात में रोना मासिक शुरु होते ही दर्द कम हो जाये।ऐसे में Pulsatila-30 की5-5 बूंद सुबह शाम ले

मासिक दर्द को तुरन्त ठीक करने में MegPhos-6x की 5-6 गोलिंयां सुबह शाम गुनगुने पानी से लेने से  शीघ्र आराम मिलता है

अनियमित मासिक में Calcaria Carb-200 की पांच बूंद दिन में एक बार Pulsatila-30 की पांच बूंद दिन में दो बार एवं Biocamic-15 no. की 5-6 गोलिंयां सुबह शाम गुनगुने पानी से एक माह तक लेने से  शीघ्र आराम मिलता है

अण्डकोश में संक्रमण होने पर (swelling in ovaries) Apis-30 दिन में तीन बार लेने से शीघ्र आराम मिल जाता है।

गर्भाशय संबधी गडबडी होने पर Chamomila-30  की पांच बूंद दिन में एक बार और Acid Nitric-200 की पांच बूंद सप्ताह में में एक बार लें  इसके अतरिक्त Bela dona -200 की तीन  खुराकें 20-20 मिनट के अन्तराल से हर तीसरे दिन लेने शीघ्र आराम मिलता है

अत्यार्त व यानी मोनो रेजिया
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सामान्यात: माहबारी काल 3 से 5दिनों का होता है जिसमें लगभग 30  मिली० तक रक्त का स्राव होता है लेकन अत्यार्तव यानी मोनो रेजिया की स्थित में 80  मिली० तक से ज्याद का स्राव होता है ऐसे में लछण मिलने पर होम्योपैथिक चिकत्सा काफ़ी कारगर है।

माहबारी समय से पहले हो देर तक हो अधिक मात्रा में हो ऐसे में Aloex-30 लें

अत्यधिक मात्रा में रक्त स्राव के कारण शरीर में कम जोरी आजाये China-30  लें
मोटी थुलथुली स्त्रियों में समय से काफ़ी पहले रितुस्राव सिर पर पसीना पांव ठंण्डे व चिपचिपे रह्ते हों ऐसे में Calcaria Carb-200 की पांच बूंद दिन में एक बार एक दो सप्ताह तक लेने से आराम आ जाता है।

स्त्रियों में समय से काफ़ी पहले रितुस्राव देर तक खून के बडे बडे थक्के आयें शरीर में रक्त की कमी हो जाने पर  फेरम मेट (Ferum -Met30) लें

मासिक के दौरान ऐसा लगे कि  जैसे गर्भाशय मे कोई  भारी से  चीज लटकी सी है खून चम कीला लाल अधिक मात्रा में निकले कमर के नीचे दर्द जादा हो।ऐसे में secale core-30 की पांच बूंद दिन में एक बार एक दो सप्ताह तक लेने से आराम आ जाता है।
विकल्प रज स्राव
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वैसे तो गर्भाशय से रज स्राव होना चाहिये परन्तु कभी कभी किसी स्त्री में विकल्प के रूप में नाक मल द्वार  या किसी अन्य अंग से होने ल गता है।ऐसे में निम्न औषधियां काफ़ी कारगर है।

रितुस्राव की जगह नकशीर फ़ूटने पर Hema melice-30 दिन में तीन बार लेने से शीघ्र आराम मिल जाता है

रितुस्राव की जगह मलद्वार से यदि रक्त आये तो Cloncinia-30 दिन में तीन बार लेने से शीघ्र आराम मिल जाता है।

टांसिल्स की होम्यो पैथी चिकित्सा

टांसिल्स की होम्यो पैथी चिकित्सा
उक्त 17 औषधियों के प्रयोग से समस्त प्रकार के टांसिल्स से निजात मिलजाती है और आपरेशन की भी आवश्यक्ता नही पडती 

1-फ़ेरम फ़ास(Ferrum Phosphoricum)
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 टान्सलाइटिस की प्रारंभिक अवस्था में जैसे गले में खराश, निगलने में कष्ट, हरारत ,होने पर फ़ेरम फ़ास 6x शक्ति की 3-3 गोलियां दिन में चार बार 3-3 घंटे के अंतराल से लेने पर ला भ मिल जाता है।यह बायो कैमिक द वा है।
2-एको नाइट-30 (Aconititumnapellus-30) 
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ठंण्ड लगने के कारण टांसिल्स अचानक का सूजजाना, सूखीखांसी, हल्का बुखार हो जाने पर एको नाइट-30 (Aconititumnapellus-30) की 5-5 बूंद दिन में तीन बार लाभ न होने तक लें। 
3-कैल्केरिया फासCalcareaPhos6
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बालकों मे टान्सलाइटिस की समस्या होने पर बच्चा दुबला पतला हो रक्त की कमी हो,खाने पीने की इच्छा न हो, आदि लछणों मेंकैल्केरिया फास CalcareaPhos6x शक्ति की 3-3 गोलियां दिन में चार बार 3-3 घंटे के अंतराल से लेने पर शीघ्र लाभ मिल जाता है। यह बायो कैमिक दवा है।
4-बैराइटा कार्ब-30 (Baryta Carbonica-30)
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टांसिल्स का अधिक सूजजाना, निगलने में अधिक कठनाई हो शीत काल में टान्सलाइटिस की समस्या हो,जब डे कम जोर हों जिस के कारण रोगी भोजन को बिना चबाये ही नि ग ल ने को म ज बूर हो ऐसे में बैराइटा कार्ब-30 (Baryta Carbonica-30) की 5-5 बूंद दिन में तीन बार लाभ न होने तक लें। 
5-काली म्यूर-30(KaliMur30)
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टान्सलाइटिस इत ना बढ जाये कि सांस भी न लीजा सके टांसिल्स का रंग भूरा हो जाये।ऐसे में काली म्यूर-30(KaliMur-30) की 5-5 बूंद दिन में तीन बार लाभ न होने तक लें। 
6-बेला डोना(Beladona-30)
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गले के अन्दर से छिला हुआ महसूस हो गले में बिशेष रूप से दाहिनी तरफ़ दर्द हो,टांसिल्स का रंग  लाल हो बेला डोना(Beladona-30) की 5-5 बूंद दिन में तीन बार लाभ न होने तक लें।
7-हिपरसल्फ (Hepar Sulph-200)
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टांसिल्स पक जांये मवाद पडने की संभावना हो टांसिल्स कठोर हो जाये, दर्द गले के अतरिक्त कान एवं चेहरे के अन्य भाग तक जाये ऐसे में हिपरसल्फ (Hepar Sulph-200) की 5-5 बूंद दिन में तीन बार लाभ न होने तक लें।यह दवा टांसिल्स  को फ़ोड देती है चीरा लगवाने की जरूरत नही पडती है।
8-साइलीशिया (Silicea-30)
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टांसिल्स  की अति उग्र अवस्था मवाद पड जाये सुई चुभने जैसी पीडा हो साइलीशिया (Silicea-30)की 5-5 बूंद दिन में तीन बार लाभ न होने तक लें।
9-लाइको पोडियम (Lycopodium-30)
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टांसिल्स  के कारण घाव हो जायें गर्म चीज के सेवन से कष्ट हो ठंण्डी वस्तु से आराम मिले ऐसे में लाइको पोडियम (Lycopodium-30) की 5-5 बूंद दिन में तीन बार लाभ न होने तक लें।
10-लैकेसिस(Lachesis-30)
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टांसिल्स का रंग बैगनी हो जाये स्पर्श करने में भी कष्ट हो तरल पदार्थ निगलने में कष्ट, ठोस पदार्थ निगलने में नही, दर्द कान के पिछ्ले हिस्से तक जाये बांये तरफ़ के टांसिल्स में बिशेष प्रभावी।लैकेसिस(Lachesis-30)की 5-5 बूंद दिन में तीन बार लाभ न होने तक लें।
11-फ़ाइटो लैक्का(Phytolacca-30)
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गले का लाल पड जाना ,उस पर नीले धब्बे दिखें गला गर्म हो, जीभ में जकडन,कान में रुकरुक कर दर्द हो जबडा ठीक से न खुले मुंह से लार बहे,दाहिना टांसिल्स बिशेष रूप से सूजा हो। ऐसे में फ़ाइटोलैक्का(Phytolacca-30)की 5-5 बूंद दिन में तीन बार लाभ न होने तक लें।
12-मर्क्युरियस आयोड रूबर(Mercuriusiadatus Ruber-30)
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बाई तरफ़ के टांसिल्स की स्थित बदतर हो जाना,काग का बढ जाना, गलद्वार सुर्खलाल,ऐसे में मर्क्युरियस आयोड रूबर(Mercuriusiadatus Ruber-30)की 5-5 बूंद दिन में तीन बार लाभ न होने तक लें।
13-पल्सेटिला(Pulsatilla-30)
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टांसिलाइटिस के साथसाथ लार ग्रन्थियों मे भी सूजन हो ,कानों मे तेज दर्द हो, कानों की जड में गांठ उभर आई हो जबडा खोलने में अत्यंत कष्ट हो स्तनों और अण्ड कोशों में संक्रमण हो। ऐसे में
पल्सेटिला(Pulsatilla-30) की 5-5 बूंद दिन में तीन बार लाभ न होने तक लें।
14-लेडम (Ledum-200)
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टांसिलाइटिस के कारण गले में टिटेनस की आशंका होने पर लेडम (Ledum-200) की 5-5 बूंद दिन में तीन बार लाभ न होने तक लें।चिकित्स्कीय सलाह भी अवश्य लें।
15-एलूमिना(Alumina-30)
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गले में खुश्की गले का एक दम सूखजाना ठंण्ड या नमी के मौसम में टांसिलाइटिस होना,टांसिलाइटिस का कठोर होना, ऐसे में एलूमिना(Alumina-30)की 5-5 बूंद दिन में तीन बार लें शीघ्र लाभ मिलेगा।
16-बैराइटा-म्यूर-30(Baryta Mure-200)
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टांसिल्स की शिकायत काफ़ी पुरानी हो बडे हुये टांसिल्स के कारण सांस ले ने में तकलीफ़ , रक्तमिश्रित कफ़ आये मुख से सडी बदबू आये ,अत्यधिक  कम जोरी, रोगी में तपेदिक के अनुवांशिक लछ्ण होने पर बैराइटा-म्यूर-200(Baryta Mure-200)सप्ताह में एक बारलें।इसके बाद इसकी 30 शक्ति की खुराक अग्ले 15 दिनों तक लेने से रोगी को पूर्ण लाभ मिल जाता है।
17-नेट्रम फ़ास6x( Natrum Phos)
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धूम्र पान और पान मसाला खाने का आदी, क्रोधी स्वभाव ,पेट में अम्लता,जीभ पर सफ़ेद परत, और टांसिल्स की शिकायत  होने पर नेट्रम फ़ास6x( Natrum Phos) की 5-5  गोलिंयां एक सप्ताह त क लेने से आराम हो जाता है।यह बायो कैमिक दवा है।

   































बुधवार, 16 नवंबर 2016

शीत कालीन रोगो का उपचार होम्योपैथी द्वारा


बिबाई फ़टना तथा त्वचा खुश्क हो जाना
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जाडे के मौसम में पैर की एडियां ठंडक तथा सही देख भाल  न होने के कारण फ़ट जाती है जिससे उन में दर्द होने लगता है ऐसी स्थित में एगेरिकस Agericus-30 य़ा Petrolium-30 की 5-5 बूंद सुबह शाम लें।
बच्चों में निमोनिया 
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ठंडक के कारण जाडे के मौसम में बच्चों में निमोनिया की संभावना ज्यादा रह्ती है निमोनियां के लछ्ण दिखने पर Antim Tart-30,Heeper Sulph-30, Amonium Carb-30,Spongia-30आदि में से किसी एक दबा का लछणा नुसार चयन कर सेवन करने से शीघ्र लाभ मिलता है।
जाडे के मौसम में खांसी 
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जाडे के मौसम में तीव्र खांसी ( खांसते खांसते उल्टी हो जाये ) ऐसे में Epicac-30 से शीघ्र लाभ मिल जाता है।
जुकाम के बाद खांसी होने पर NuxVom-30  की 5-5 बूंद सुबह शाम लें।
बलगम ढीली और आसानी से आये तो Pulstila-30 लें
बच्चे में खांसी के साथ बलगम आसानी से निकले तब Camomila-6,30 लेने से लाभ मिल जाता है।
खांसी बार बार ठंण्डी हवा के कारण बार बार आये PhasphoricAcid -30 lलेने से लाभ मिल जाता है
खांसी खुली ठंण्डी हवा   लगने के कारण तथा शरीर का कोई हिस्सा बाहर निकलने के कारण आये तो Heeper Sulph-30 लें
खांसी बिस्तर पर जाने के बाद आये या शरीर गर्म होने के बाद हो तो Nux Mouch-30(नक्स मस्केटा) लें
ठंण्डी हवा के कारण खांसते खांसते उल्टी, पसलियों मे दर्द,बलगम में खून के रेशे आये, गले में सुरसुराहट हो, नाडी तेज चले तो Brayonia-30
छाती में घबराहट हो तो Carboveg-30 लें
रात्रि  की प्रारंभिक अवस्था में रोगी की नाक से पानी आये सिर में भारीपन ज्वर, बैचेनी शरीर में टूटन होने पर प्रत्येक घण्टे Aconite-30  लें
सर्दी के साथ जकडन होने पर सोते समय NuxVom-200 लें।
जुकाम के कारण यदि मुंह का स्वाद तथा नाक से सुगन्ध न आऐ तो pulsetila-30 लें
आंख व नाक से पानी सिर दर्द होने पर AlumSeepa-30 लें
छोटे ब च्चों के बाल काट ने के बाद सर्दी हो जाने पर Beladona-200 की एक खुराक से ही लाभ मिल जाता है।
गर्मी के बाद जब मौसम में परिवर्तन होने  ल गे और ठंण्ड के शुरुआत हो प्राया सर्दी की शिकायत होती है ऐ से में Beladona-30,200 लेने से लाभ मिल जाता है।
गले में खराश
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साधारण ठंण्ड के कारण यदि गले में खराश होने पर Dulcamara-30 यदि ठंण्डे पेय के कारण गले में खराश हो तो Bela dona-30 लें
टौन्सिलाइटिस
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सूज न दर्द त था बोलने व निगलने में कष्ट जैसे कोई चीज चुभ रही हो ऐसा लगे मानो गला सिकुड गया हो नाक से पानी आये तो Bela dona-30 लें इससे आराम न मिले तो shullpher-30 लें
शीतज्वर
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यदि शीत लगने के कारण ज्वर आये  ज्वर के साथ बैचैनी, प्यास, चमडी में खुश्की, होने पर Aconite-30लें