शुक्रवार, 15 नवंबर 2013

शीघ्र पतन रोकने का अनभूत नुस्खा-

प्रदर रोग में
देशी गूलर के पके फ़ल को सुखा लें कूट कर चूर्ण  करलें इसके बराबर मात्रा में इसमें मिश्री मिलालें ।इस मिश्रण की १०-१० ग्राम मात्रा सुबह शाम खाली पेट  गाय के दूध के साथ लें ।पूर्ण लाभ न होने तक लेते रहें।
स्तन की सूजन में
स्तन की सूजन में  बरगद के पत्ते से निकले दूध  को पीपल के पत्ते में उलटी तरफ़ लगा कर स्तन   पर  रखकर बांध लें। एक दो दिन में स्तन की सूजन चली जायेगी।
शीघ्र पतन रोकने का  अनभूत नुस्खा-
एसिड फास(Asid-phos) ३० शक्ति की ५-६ गोली सुबह खाली पेट लें इस के ४ घंटॆ बाद एगनस-कैक्ट्स(Agnus-castus) ३० शक्ति की ५-६ गोली और इस के ४ घंटॆ बाद सेलेनियम (Selenium) ३० शक्ति की ५-६ गोली मुंह में रख कर चूसें। एसिड फास(Asidp-hos) )३० शक्ति की गोली लेने से एक घन्टा पहले (Tribulus terrestris mother tincture) की १० बूंद आधा कप पानी मिला कर पीऎं शांम को सेलेनियम(Selenium) ३० के १ घंटॆ बाद एक कप गुनगुने पानी में ऎवेना-सेटॆइवा (Avena sativa) की २० बूंद डालकर पीऎं। इन पांचों दवाओं के नियमित सेवन से  इंद्र्यि शिथलता ,स्वपन दोस आदि यौन रोग दूर हो जाते है।  


सोमवार, 11 नवंबर 2013

सफेद चावल बेजान और नामुराद भूरा चावल भगवान का प्रसाद




सफेद चावल बेजान और नामुराद भूरा चावल भगवान का प्रसाद लगभग आधी दुनिया में भोजन करने का मतलब चावल खाना ही होता है। दुनिया की आधी आबादी अपनी आधी केलौरी चावल से ही प्राप्त करती है। भूरे चावल बनाने की प्रक्रिया में चावल का सिर्फ बाहरी छिलका ही अलग किया जाता है, जिससे इसकी पौष्टिकता बरकरार रहती है। लेकिन देखने में सुंदर और सफेद चावल तैयार करने के लिए चावल मिलों में इसकी मंजाई और घिसाई की जाती है। इससे चावल की शैल्फ लाइफ भी बढ़ जाती है, क्योंकि इस घिसाई में जल्दी खराब होने वाले आवश्यक वसा निकल जाते हैं। इस प्रक्रिया में चावल से 67% विटामिन बी-3, 80% विटामिन बी-1, 90% विटामिन बी-6, 60% आयरन, आधा सेलेमियम और फॉस्फोरस तथा लगभग सारा फाइबर और आवश्यक फैट्स निकाल लिए जाते हैं। मिल वाले इन्हें दवा बनाने वाली कंपनियों को बेच देते हैं। इस उजले चावल में पोषण के नाम पर सिर्फ स्टार्च ही बचता है। इसे खाने से पेट तो भर जाता है लेकिन शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता है। चावल का वानस्पतिक नाम ऑराइजा सेटाइवा (Oryza sativa) है। हिंदी में इसको अक्षत भी कहा जाता है क्योंकि अक्षत का अर्थ होता है जो टूटा न हो। भूरा चावल ही सही मायने में अक्षत है, दिव्य है, पवित्र है। सफेद चावल तो खंडित है, घिसा हुआ है, अधूरा है, बेस्वाद है, बेजान है, बेसुरा है, नागवार है, नालायक है और नामुराद है। भूरा चावल राजा है धर्म है तो सफेद चावल राक्षस है कुकर्म है। धार्मिक महत्व शास्त्रों के मतानुसार हिन्दू धर्म के प्रत्येक धार्मिक कर्म-काण्ड में चावल का बहुत महत्व है। देवी-देवता को अर्पण करने के साथ ही इसे हम मस्तक पर सज्जित तिलक पर भी लगाते है। कोई भी पूजन अक्षत के अभाव में अधूरा है। पूजा में अक्षत चढ़ाने का अभिप्राय यह है कि हमारा पूजन अक्षत की तरह पूर्ण हो। भगवान को अक्षत चढ़ाने का भाव यह है कि जिस तरह हमने पूर्ण चावल आपको चढ़ाए हैं। उसी तरह आप हमारे सत्कर्मों का पूर्ण फल प्रदान करें। अक्षत हमारे दैनिक उपयोग की वस्तु है, तथा यह हमें ईश्वर की कृपा से ही प्राप्त हुआ है इसलिए भी उनको अर्पण किया जाता है। अक्षताश्च सुरश्रेष्ठ कुङ्कमाक्ता: सुशोभिता:। मया निवेदिता भक्त्या: गृहाण परमेश्वर॥ शिवलिंग पर चावल चढ़ाने से शिवजी अति प्रसन्न होते हैं और भक्तों को अखंडित चावल की तरह अखंडित धन-दौलत, मान-सम्मान प्रदान करते हैं। श्रद्धालुओं को जीवन भर धन-धान्य की कमी नहीं होती। शुक्रवार को लक्ष्मी मां को चावल की खीर बनाकर अर्पण करने से समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। पोषक तत्व भूरे चावल से हमें विटामिन बी कॉम्पलेक्स के साथ भरपूर मेंगनीज, सेलेनियम और मेगनीशियम प्राप्त होता है। एक कप भूरे चावल (195 ग्राम) से हमें दिन भर की आपूर्ति का 88% मेंगनीज, 27% सेलेनियम, 20.9% मेगनीशियम, 18% ट्रिप्टोफेन मिल जाता है। मेंगनीज मेंगनीज प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से ऊर्जा बनाने में मदद करता है। यह फैट्स के निर्माण में सहायता करता है, जो सेक्स हार्मोन्स बनाते हैं। मेंगनीज माइटोकॉन्ड्रिया में सक्रिय एक बहुत ही महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम सुपरऑक्साइड डिसम्यूटेज (SOD) के कलपुर्जे बनाता है। सुपरऑक्साइड डिसम्यूटेज माइटोकॉन्ड्रिया में ऊर्जा उत्पादन के दौरान बनने वाले फ्री-रेडीकल्स को निष्क्रिय करता है। कैंसर सुरक्षा - फाइबर और सेलेनियम सेलेनियम और फाइबर आंत के कैंसर का जोखिम कम करते हैं। सेलेनियम अनेक चयापचय क्रियाओं जैसे थायरॉयड हार्मोन चयापचय, रक्षा प्रणाली को मजबूत करने में सक्रिय भूमिका निभाता है। सेलेनियम क्षतिग्रस्त कोशिकाओं के डी.एन.ए. का रखरखाव और पुनर्निर्माण करता है, कैंसर कोशिकाओं की प्रगति को अंकुश में रखता है, और ऐपोप्टोसिस (कैंसर कोशिका की योजनाबद्ध मृत्यु) को सम्बल देता है। साथ ही सेलेनियम एंटीऑक्सीडेंट सम्राट ग्लूटाथायोन परऑक्सीडेज के निर्माण में अहम भूमिका निभाता है। ग्लूटाथायोन कैंसर सुरक्षा विभाग का बड़ा ब्रिगेडियर है और यकृत में अनेक हानिकारक तथा उपद्रवी तत्वों का सफाया कर शरीर से बाहर खदेड़ता है। सेलेनियम विटामिन-ई के साथ मिल कर रक्षा प्रणाली के अनेक कार्यों का संपादन करता है। इस तरह डिफैंस डिपार्टमेंट के अनेक कार्यों का सम्पादन करने में सक्षम सेलेनियम कैंसर ही नहीं अपितु हृदयरोग, अस्थमा, और रुमेटॉयड आर्थ्राइटिस में भी सुरक्षात्मक और उपचारात्मक भूमिका निभाता है। कॉलेस्टेरोल और हृदय रोग फाइबर, बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन और मेगनीशियम से भरपूर भूरे चावल में विद्यमान आवश्यक वसा कॉलेस्टेरोल का कम करते हैं। भूरा चावल खाने से रक्तचाप नियंत्रण में रहता है, और हृदयरोग का जोखिम भी कम होता है। अन्य फायदे गालब्लाडर स्टोन से सुरक्षा मोटापे पर नियंत्रण स्वस्थ नर्वस सिस्टम डायबिटीज से सुरक्षा हड्डियों को स्वस्थ रखे – भूरे चावल में पर्याप्त मेगनीशियम होता है जो हड्डियों को स्वस्थ रखता है।

रविवार, 10 नवंबर 2013

असमय हुए सफ़ेद बालों को रोकने का नुस्खा

अचूक नुस्खॆ
कमजोरी दूर करने का अचूक नुस्खा
 सितोपलादि चूर्ण १०० ग्राम आमलकी रसायन ५० ग्राम शतावरी चूर्ण ५० ग्राम तथा मुलहटीचूर्ण५० ग्राम इन सबको  मिला कर इस में २५० ग्राम शह्द मिला कर चटनी जैसा बना लें इस की १-१ चम्मच मात्रा दूध के साथ दिन में ३ बार दें कम से कम  दो माह तक सेवन करें कमजोरी दूर करने का अचूक चमत्कारी नुस्खा है

पीलिया
सरसों के तेल की खली १०० ग्राम  का चूर्ण बना लें इस चूर्ण की १ चम्मच  मात्रा१०० ग्राम   दही में   मिलाकर सुबह ८ - ९ बजे लें स्वाद अनुसार नमक या चीनी भी डाल सकते है एक सप्ताह लगातार लेने से पीलिया मल मार्ग से बाहर निकल जायेगा घी तेल में तली चीजो से १० दिनो तक परहेज करें एक सप्ताह में पीलिया जड से समाप्त  हो जायेगा

असमय  हुए सफ़ेद बालों को रोकने  का  नुस्खा
काला तिल कुटा हुआ आंवला चूर्ण ,त्रिफ़ला चूर्ण  मुलहटीचूर्ण  भ्रंगराज चूर्ण पांचों १००-१०० ग्राम तथा  लौह भस्म ५० ग्राम  सबको अचछी  तरह मिला कर  ईसमें ५०० ग्राम मिश्री मिला कर   एक एयर टाईट  डिब्बे में बन्द कर के रक्खें इस की १-१ चम्मच मात्रा सुबह शांम पानी से लें  मधु मेह के रोगी बगैर  मिश्री मिलाये इस चूर्ण  की आधी -आधी चम्मच मात्रा मात्रा सुबह शांम पानी से लें
यह  चूर्ण  ५ से ६ माह तक धैर्य पूर्वक लें दो माह में इस का असर  दिखने लगेगा  यह चूर्ण बालों को  पोसण प्रदान  करने के अ लावा पेट  व त्व्चा के लिये भी लाभ दायक है

सिर में लगाने के लिये तैल
लौह भस्म ,ब्राहमी, लाल चन्दन , सभी १०-१० ग्राम आंवला चूर्ण ,भ्रंगराज चूर्ण , काफ़ी चूर्ण ,सभी २५-२५ ग्राम मेंहदी के पत्ते -२० ग्राम , जैतून का तैल- ५० ग्राम , अरण्डी का तैल -५० ग्राम ,नारियल का तैल -५०० ग्राम,तैलो को छॊड कर सभी चूर्ण का पेस्ट बना लें रात में पेस्ट बना  कररख दें. सुबह लोहे की कडाही में तीनों तेल डाल कर यह पेस्ट डाल दें  इस में -२५० ग्राम पानी डाल दें.अब धीमी आंच पर पकाएं कि पानी  जल जाये  और सिर्फ़ तेल बचे उसके बाद भी लगभग १० मिनट और पकाएं फ़िर ठण्डा होने पर सूती कपडॆ की चार तह बना कर उस में से निचोड कर छान लें छने हुए तेल को एक बार फ़िर दो तह के सूती कपडॆ से छानकर रख  लें सप्ताह में कम से कम दो बार इस तेल से रात को हाथों  की अंगुलियों से बालों  की जडॊ में अच्छी तरह से लगायें जिस से तेल त्वचा के अन्दर समा जाए सारी रात तेल लगा रह ने दें सुबह साफ़  पानी  से बालों को धो लें बाजार के शैम्पू का प्रयोग न करें
  शैम्पू-  आंवला(सूखा), रीटा, शिकाकाई, सम भाग मिला कर रख लें एक बार के प्रयोग के लिये २० ग्राम मिश्रण को एक गिलास में लेकर रात को भिगो कर रख दें  सुबह इसे  उबालें  एक उबाल दे कर रख लें  ठण्डा होने पर छान कर इससे सिर साफ़ करें.    

       

   

व्रद्धावस्था में तनाव से बचिये

व्रद्धावस्था  में तनाव से बचिये
१-जिंगको विलोवा क्यू एवं ब्रेन क्यू
 व्रद्धावस्था के कारण शरीर में जिन जिन पोसक  तत्वों की कमी हो जाती है यह उनकी पुर्ति कर मनमस्तिक को स्वस्थ रखता है
२-आयुर्वेदिक दवा ब्राह्मी एवं शंखपुस्पी  का चूर्ण सम मात्रा में मिला  कर एक-एक चम्म्च सुबह शाम  लेने से तनाव में मानसिक रोग में  बहुत ला्भप्रद है
३-पेट की गडबडी के कारण तनाव सर भारी तो रात में सोते समय नक्स वोम ३० लें
४-रंज के कारण तनाव में  नेटॄंमम्यूर ३० एवं  इग्नेशिया ३० लें
५-क्रोध या तनाव पूर्ण स्थिति को दबाये जाने के कारण समस्या होने  पर स्टेफ़िसेग्रिया३० लें
६-व्रद्धॊ की दिमागी जडता तनाव में  तुरन्त राहत  देता है   एवेना सटाईवा क्यू  ५  से १० बूद कुन कुने गर्म जल के साथ लें
७-पिकरिक एसिड ६,३०  फ़ास्फ़ोरस ३० एवं लाईको पोडीयम ३०  भी लछ्णानुसार व्रद्धॊ की दिमागी समस्या में लाभदायक है

गठिया का इलाज



१-चोट के कारण गठिया में अर्निका माऊण्ट ६,३०,२००,
२-गठिया में  तीव्र दर्द  की सर्वोत्तम  दवा है कोल्चिकम ३०
३-हिलने डुलने से दर्द ब्रायोनिआ ३०,२००
४-गठिया में  तीव्र दर्द बर्फ़ सेंकने से  आराम पैर के अगूठे में सूजन बायें घुट्ने पर बिशॆश प्रभाव होता है   लीड्म पाल ३०, २००
५-साइनो वियल फ़ीवर लाल रंग सूजन चीरने या सिलाई करने जैसा दर्द रात मे दर्द बर्दास्त  के बाहर एकोनाइट ३०, २००
६-रिऊमैटिक गठिया  लगडाना  मोच जैसा दर्द कडापन आराम के बाद चलते समय दिक्कत होना
बायो कैमिक दवाईया
१-नेटॄम म्यूर -६ ऎक्स तीव्र गठिया में प्रयोग ज्यादा पसीना  पसीना में खट्टी गन्ध पेशाब का रंग लाल
२-नेटॄम सल्फ ६ ऎक्स हाथ पैर का गठिया तीव्र गठिया में  फ़ेरम फास १२‍-ऎक्स के साथ  दिया जाता है अन्यथा नेटॄम सल्फ ६ ऎक्स अकेला ही काफ़ी है
३-कैल्केरिया फास ६ ऎक्स रिऊमैटिक गठिया   जो रात में तथा खराब वातावरण में तकलीफ़ देह होता है
४-कैल्केरिया फ़्लोर -१२ऎक्स गठिया  के कारण हाथ पैर  की  अगुलियों के जोडॊ में सूजन