रविवार, 30 नवंबर 2014

होम्यो पैथी अपनाये रोग दूर भगाये भाग -8

होम्यो पैथी अपनाये रोग दूर भगाये भाग -8

१२१- गौरी १२ साल की  का कद अपनी हम उम्र की लडकियों से  छोटा था उसके मां बाप  उसके कद को लेकर बहुत परेशान थे। जबकि उसके मां बाप  का कद ठीक था।
इसके लिए  उसे पहले दिन थाइराडिनम -१ एम  की एक खुराक दी इसके दो दिन बाद ट्यूबर कुलीन २००(Tuberclin-200) दी इसके एक सप्ताह बाद थूजा-२००(Thuja-200)इ सके एक सप्ताह के बाद बैरीटा कार्ब-२००(BarytaCarb-200) की एक खुराक दी यह तीनो दबायें एक सप्ताह बाद बारी -बारी से लगातार ६ माह तक देने से बच्ची का कद दो इन्च तक बढ  गया।


१२२- हरियोगेन्द्र ५५ साल को छींक आई तो पीठ में दर्द की चीस लगगयी।जब भी खांसी आती शरीर के दूसरे भाग में दर्द हो ने लगता कैपिसीकम -१ एम की दो खुराकें देने पर आराम हो गया।

१२३-लवली २४ साल के कान पहले से ही छिदे हुये थे परन्तु जब भी कानो में कोई काटें आदि पहनती उसके कान पक जाते। स्टेनम २०० की तीन खुराकें देने से वह कान में जेबर पहनने लायक होगयी। थोडे दिनो बाद उस के कान फ़िर पक गये तो लेकसिस(Lachesis-200)  की दो  खुराकें दी दो खुराकोमें ही उसकी यह तक लीफ़ दूर
हो गयी।

१२४-सीमा ३८ साल के कान में बहुत खुजली थी उंगली से खुजलाने से जख्म हो गये थे । खुजलाने के बाद कान में बहुत जलन होती थी। फ़्लोरिक एसिड-३०(FluoricAcid-30)  की तीन खुराकें लेने से आराम होगया।

१२५-सोनी ३८ साल को बबासीर की शिकायत थी ट्ट्टी करते समय बहुत दर्द होता था। नक्सवोमिका -३० रात सोते समय और सल्फ़र -३० रोज  सबेरे लेने से तीन दिन में उसको आराम आगया। कुछ दिन बाद फ़िर से यही समस्या हुयी तो सुबह उठते  ही सल्फ़र- १ एम दी उसके  दो दिन बाद  नक्सवोमिका -३० रोज तीन बार देनी शुरु की इस प्रकार  महीने में एक बार सल्फ़र- १ एम  उसके दो दिन बाद  नक्सवोमिका -३० रोज तीन बार देने से अगले छ: माह तक देने से बबासीर ठीक हो गयी।

१२६-राजू ८ साल को पेट में सख्त दर्द था स्वभाव से बहुत  रुखा चिडचिडा इस  आधार पर कैमोमिला -३० की दो खुराकें दी  दो ही खुराकों से आराम आगया।

१२७- रवि किशन ५५ साल यदि कुर्सी या स्टूल पर बैठकर अपनी टांगें सीधी करके रखता  तो वह अपने पैरों को मोड भी नही सकता था  टांगों को हाथ से पकड कर मोडना पडता था।
काकुलस इन्डिका -३० की तीन चार खुराकों से आराम आगया।

१२८-नारायन दो साल मां की गोद से न ही उतरता था बराबर रोता ही रहता था सिना- २०० की चार खुराकों से ही आराम आगया।

१२९-मयंक एक साल दांत निकलने के कारण बुखार आरहा था बुखार के साथ दौरे भीआ रहे थे बेलाडोना-३० की तीन खुराकें देने के बाद उसको आराम आगया। याद रखो दांत निकलने के  समय बुखार  के साथ दौरे  भी पडे तो बेला डोना दो अगर बुखार   के बिना दौरे पडे तो मेगफ़ास(MagnesiaPhos) अच्छा काम कर ती है।

१३०राम बेटी ४० साल के कान बन्द हो गये ऐसा महसूस होता जैसे कान में रुई ठूस दी हो बहुत घबराहट भी होती थी।सिलिका -२००(Silicea-200) की दो खुराकें देने के बाद कुछ आराम आया अगली खुराक सिलिका -१ एम  की देने से उसको पूर्ण आराम आगया।

१३१-रानू ३साल बचपन से ही कब्ज की शिकायत थी मां के दूध के स्थान पर शुरु से ही डिब्बे का दूध मिलता रहा था ऎलम -३० (Alum-30) लगातार१५ दिनो तक एक बार रोज देने से कब्ज ठीक हो गयी।

१३२-मनोज २० साल चाय से जल गया छाले  होगये।छाले फ़टने से जख्म बन गऎ लैक्सिस-२००(Lachesis-200)  की एक खुराक तीन दिन तक दी उस के बाद सिलिशिया-३०(Silicea) तीन बार रोज देने से उसके जख्म दूर होगये। याद रक्खो जब जलने के बाद सेप्टिक हो जायें तो पहले लैक्सिस दो उसके बाद सिलिशिया दो।

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