होम्यो पैथी अपनाये रोग दूर भगाये भाग -६
९३-बहादुर सिंह २५ साल को मियादी बुखार क्या आया कमर ही तोड दी बुखार दूर हुये १५ दिन बीत चुके थे किन्तु वह थोडी देर के लिये भी बैठ नही सकता था । इसके लिये सैलेनियम-२००
की एक खुराक एक हप्ता तक दी जिससे उस की पीठ में फिर से ताकत आगयी।
९४-अमन १६ साल बडी गन्दी हवा गैस छोडता था कमरे मे बदबू फ़ैल जाती आरसिनिक-३० की तीन खुराको मे ही उसकी तक लीफ़ ठीक होगयी।
९५-भागबती के दांत में कीडा लगा था । दांत में सुराख थे।कुछ भी खाने पीने से दांत में बहुत दर्द होता। क्रियोसोट -३० देने से आराम आगया।
९६-सुनील २२ साल पेट की तकलीफ़ थी । पेट में गैस बनती गैस का दबाब नीचे की ओर पडता गैस नीचे की ओर से निकलती। लायकोपोडियम -३० से आराम आगया।याद रक्खो यदि गैस का दबाब ऊपर की ओर हो डकार आये तो कार्बो बेज - ३० दें यदि गैस का दबाब नाभि के आसपास हो तो चायना -३० दे।
९७- कम लेश १५ साल चाय का उबलता पानी पडने से हाथ जल गया। छाले पड गये काफ़ी दर्द होरहा था कैन्थ्रिस-३० की पहली खुराक से आराम आ गया। याद रक्खो यदि शरीर के किसी अंग में जलन हो चाहे वह किसी वस्तु के छूने से हो या पेशाब जलन के साथ आये तो कैन्थ्रिस उस की प्रथम दवा है।
९८-अनुस्का १२ साल का पढ्ने में बिल्कुल ही मन नही लगता वैसे हर तरह से चुस्त और चालाक थी परन्तु जब भी पढने के लिये बैठाओ कोई न कोई बहाना बना कर उठ जाती कोनियम १ एम० की तीन खुराके देने से उसका मन पढने मे लगने लगा।
९९- राम जीत आयु १६ साल मुह में छाले थे। पेट भी खराब था खाने पीने से लाचार था। मर्कसाल-३० से आराम न ही आया चैलीडोनियम-३० की पहली खुराकने ही आराम पहुचा दिया। याद रक्खो यदि मर्कसाल दवा से आराम न आये तो चैलीडोनियम-३० दबा से आराम मिलता है।
१००-ओम नरायन ६५ साल को रात मे ४ बजे ट्ट्टी की हाजत हुई पहला पाखाना सख्त हुया फ़िर ढीली ट्ट्टी आयी और उसके बाद दस्त आगये। ६ बजे तक चार पतले पानी जैसे दस्त नि क ले। चायना -३० की तीन खु राक १५ -१५ मिन ट के बाद ले ने से पेचिश में पूरा आराम आ गया।ज ब पेचिश बिना दर्द के हो तो चायना- ३० देने से आराम आ जाता है|
१०१-सुय श २५ साल ग ले में ब हु त दर्द था। गला अन्दर से पका हुया हीपर सल्फ -३० की तीन खुराक में ही आराम आगया। ज ब ग ला अन्द र से पका हुया मह सूस होतो उस की दवा
हीपर सल्फ है।
१०२-तेज्स्वनी ५ साल जब भी नहाती उस्की छाती जम सी जाती।और सांस लेने में तक लीफ़ होती। नक्स माश-३० की तीन खुराक में ही आराम आगया।
१०३- रोमी आयु २ साल स रा दिन ठीक र ह्ता खे ल ता ले कि न रात होते ही चिल्ला कर उठ बैठ ता सि फ़ लाय न म २०० की तीन खुराक में ही आराम आगया याद र हे कोई त क लीफ़ यदि रात को हो या रात को बढ जाये तो उसके लिये सिफ़लायनम बहुत बढिया दवाई है।
१०४-सुनील ४ साल जन्म के बाद कभी भी ठीक न रहा पैदा होने के समय बहुत कमजोर था ।कभी कान से मवाद निकलने लगता कभी खसरा निकल आता कभी निमोनिया हो जाता क भी दस्त लग जाते। जो बच्चा जन्म के बाद से ही लगातार बीमार रहे उसकी खास दवा सिफ़लायनम है इसी दवा की तीन खुराकसे बच्चे को आराम आगया।
१०५-संजेश १२ साल के मुंह से बहुत दुर्गन्ध आती थी मुंह में पानी भर जाता था किसी से बात करने से पहले मुह का पानी थूकना पडता आर्सेनिक -३० की एक खुराक देने से उस की सारी तकलीफ़ दूर होगयी।
१०६- राम जी लाल २८ साल ने पानी की बाल्टी उठाई तो नाभि अपने स्थान से ह्ट गयी जिस के कारण टटिट्यां लग गयी रक्सटाक्स १ एम की एक खुराक से ही नाभि अपने स्थान पर आगयी। टटिट्ओं में आराम आ गया। याद रक्खो जब कोई वजन उठने से शरीर को अधिक खीचने से दर्द हो जाये या कोई अंग अपनी जगह से हिल जाये तो रक्सटाक्स की मदद लें।
१०७-रामेन्द्र सिंह १५ साल का जी मिच लाता था। और उल्टी आजाती थी इपिकाक और आर्सेनिक देने से उल्टियां बन्द नही हुई पूछ्ने पर पता चला कि जब वह ठंडा पानी या बर्फ़ मुंह में रख लेती है तो उल्टी नही आती । फ़ास्फ़ोरस -३० से आराम आगया। फ़ास्फ़ोरस का यह बिशेस लछण है कि मरीज बहुत ठंडा पानी पीना चाह ता है।परन्तु जब ये ठंडा पानी पेट में
जाकर गरम हो जाता है।तो उल्टी के रुप में बाहर निकल जाता है।
९३-बहादुर सिंह २५ साल को मियादी बुखार क्या आया कमर ही तोड दी बुखार दूर हुये १५ दिन बीत चुके थे किन्तु वह थोडी देर के लिये भी बैठ नही सकता था । इसके लिये सैलेनियम-२००
की एक खुराक एक हप्ता तक दी जिससे उस की पीठ में फिर से ताकत आगयी।
९४-अमन १६ साल बडी गन्दी हवा गैस छोडता था कमरे मे बदबू फ़ैल जाती आरसिनिक-३० की तीन खुराको मे ही उसकी तक लीफ़ ठीक होगयी।
९५-भागबती के दांत में कीडा लगा था । दांत में सुराख थे।कुछ भी खाने पीने से दांत में बहुत दर्द होता। क्रियोसोट -३० देने से आराम आगया।
९६-सुनील २२ साल पेट की तकलीफ़ थी । पेट में गैस बनती गैस का दबाब नीचे की ओर पडता गैस नीचे की ओर से निकलती। लायकोपोडियम -३० से आराम आगया।याद रक्खो यदि गैस का दबाब ऊपर की ओर हो डकार आये तो कार्बो बेज - ३० दें यदि गैस का दबाब नाभि के आसपास हो तो चायना -३० दे।
९७- कम लेश १५ साल चाय का उबलता पानी पडने से हाथ जल गया। छाले पड गये काफ़ी दर्द होरहा था कैन्थ्रिस-३० की पहली खुराक से आराम आ गया। याद रक्खो यदि शरीर के किसी अंग में जलन हो चाहे वह किसी वस्तु के छूने से हो या पेशाब जलन के साथ आये तो कैन्थ्रिस उस की प्रथम दवा है।
९८-अनुस्का १२ साल का पढ्ने में बिल्कुल ही मन नही लगता वैसे हर तरह से चुस्त और चालाक थी परन्तु जब भी पढने के लिये बैठाओ कोई न कोई बहाना बना कर उठ जाती कोनियम १ एम० की तीन खुराके देने से उसका मन पढने मे लगने लगा।
९९- राम जीत आयु १६ साल मुह में छाले थे। पेट भी खराब था खाने पीने से लाचार था। मर्कसाल-३० से आराम न ही आया चैलीडोनियम-३० की पहली खुराकने ही आराम पहुचा दिया। याद रक्खो यदि मर्कसाल दवा से आराम न आये तो चैलीडोनियम-३० दबा से आराम मिलता है।
१००-ओम नरायन ६५ साल को रात मे ४ बजे ट्ट्टी की हाजत हुई पहला पाखाना सख्त हुया फ़िर ढीली ट्ट्टी आयी और उसके बाद दस्त आगये। ६ बजे तक चार पतले पानी जैसे दस्त नि क ले। चायना -३० की तीन खु राक १५ -१५ मिन ट के बाद ले ने से पेचिश में पूरा आराम आ गया।ज ब पेचिश बिना दर्द के हो तो चायना- ३० देने से आराम आ जाता है|
१०१-सुय श २५ साल ग ले में ब हु त दर्द था। गला अन्दर से पका हुया हीपर सल्फ -३० की तीन खुराक में ही आराम आगया। ज ब ग ला अन्द र से पका हुया मह सूस होतो उस की दवा
हीपर सल्फ है।
१०२-तेज्स्वनी ५ साल जब भी नहाती उस्की छाती जम सी जाती।और सांस लेने में तक लीफ़ होती। नक्स माश-३० की तीन खुराक में ही आराम आगया।
१०३- रोमी आयु २ साल स रा दिन ठीक र ह्ता खे ल ता ले कि न रात होते ही चिल्ला कर उठ बैठ ता सि फ़ लाय न म २०० की तीन खुराक में ही आराम आगया याद र हे कोई त क लीफ़ यदि रात को हो या रात को बढ जाये तो उसके लिये सिफ़लायनम बहुत बढिया दवाई है।
१०४-सुनील ४ साल जन्म के बाद कभी भी ठीक न रहा पैदा होने के समय बहुत कमजोर था ।कभी कान से मवाद निकलने लगता कभी खसरा निकल आता कभी निमोनिया हो जाता क भी दस्त लग जाते। जो बच्चा जन्म के बाद से ही लगातार बीमार रहे उसकी खास दवा सिफ़लायनम है इसी दवा की तीन खुराकसे बच्चे को आराम आगया।
१०५-संजेश १२ साल के मुंह से बहुत दुर्गन्ध आती थी मुंह में पानी भर जाता था किसी से बात करने से पहले मुह का पानी थूकना पडता आर्सेनिक -३० की एक खुराक देने से उस की सारी तकलीफ़ दूर होगयी।
१०६- राम जी लाल २८ साल ने पानी की बाल्टी उठाई तो नाभि अपने स्थान से ह्ट गयी जिस के कारण टटिट्यां लग गयी रक्सटाक्स १ एम की एक खुराक से ही नाभि अपने स्थान पर आगयी। टटिट्ओं में आराम आ गया। याद रक्खो जब कोई वजन उठने से शरीर को अधिक खीचने से दर्द हो जाये या कोई अंग अपनी जगह से हिल जाये तो रक्सटाक्स की मदद लें।
१०७-रामेन्द्र सिंह १५ साल का जी मिच लाता था। और उल्टी आजाती थी इपिकाक और आर्सेनिक देने से उल्टियां बन्द नही हुई पूछ्ने पर पता चला कि जब वह ठंडा पानी या बर्फ़ मुंह में रख लेती है तो उल्टी नही आती । फ़ास्फ़ोरस -३० से आराम आगया। फ़ास्फ़ोरस का यह बिशेस लछण है कि मरीज बहुत ठंडा पानी पीना चाह ता है।परन्तु जब ये ठंडा पानी पेट में
जाकर गरम हो जाता है।तो उल्टी के रुप में बाहर निकल जाता है।
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