सोमवार, 19 मार्च 2018

मेरा कुछ शुरुआती चिकित्सकीय अनुभव

मेरा कुछ शुरुआती चिकित्सकीय अनुभव 

अब मैं एक चिकित्सक के रूप में अपना अनुभव मैं आप के बीच बांटता हूं…
1-दिनांक 16-10-2001. रोगी-श्रीमती क देवी, पति-ख मंडल. पता-बंगाली टोला, कल्याणपुर. जिला-मुंगेर (बिहार). 
क देवी की मां ग देवी अपनी बेटी के साथ मेरे पास आकर कहने लगीं. डॉ साहब, मेरी बेटी की शादी के 12 वर्ष बीत गये हैं, लेकिन अभी तक मां नहीं बन पायी. काफी इलाज कराया, झाड़-फूंक, जादू-टोना भी कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ… अब आप दवा दें कि मेरी बेटी मां बन जाये. मैंने जांच की तो देखा, क देवी के बाल उलझ कर चिपके हुए थे, मासिक स्राव में प्रसव पीड़ा की तरह दर्द, बांझपन एवं बराबर सर्दी का रहना. मैंने लक्षण के अनुसार बोरेक्स-30 सुबह-शाम एवं बायो कांबिनेशन-5, 4×4 दिया. इसी प्रकार दो माह तक समय के अनुसार बोरेक्स-30, सेकलेक एवं बी.सी-5 देता रहा. 20/12/2001 को सर्दी एवं मासिक स्राव में शत-प्रतिशत आराम मिल गया. 20/12/2001 को यौन संबंध के आधा घंटा पहले एवं आधा घंटा बाद बोरेक्स-6x दिया. सत्यव्रत सिद्धांलंकार मां तथा बच्चा पृष्ठ संख्या-6, 28-01-2002 को क देवी की मां ग देवी ने मुस्कुराते हुए आयीं और बोली- डॉक्टर साहब, 10 दिन बीत गये, मेरी बेटी मासिक धर्म नहीं आया है. सेकलेक तीन बार मैंने लेने के लिए दिया. 26-03-2002 को उल्टी-मितली की शिकायत पर इपिकाक-30 एवं बी.सी.-26 4×4 समय के अनुसार चलाता रहा. क देवी को 10-10-2003 को नार्मल ढंग से बेटा हुआ.
2- श्री क राम, उम्र 60 साल, ग्राम-रूतपय, पत्रालय- शंभूगंज, जिला भागलपुर (बिहार). सुल्तानगंज से 15 किलोमीटर दक्षिण. ससुराल मेरे गांव कल्याणपुर में है.
-दिनांक 12-06-2002 को अपने दोनों पैर मे सफेद दाग दिखाते हुए बताया कि पहले दोनों पैर में सफेद दाग के स्थान लसलसा स्राव बहने वाला एक्जिमा थआ, जो छूटने का नाम नहीं लेता था, बहुत दिनों तक एलोपैथ की सूई दवा एवं मलहम लगाने के बाद एक्जिमा ठीक हो गया, लेकिन तीन वर्ष पहले उसी स्थान पर सफेद दाग हो गया, जो धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है. हाथ-पैर का नाखून अपने आप टूट रहा है.
मैंने इन लक्षणों के आधार पर एवं डॉ विनय कुमार राय (सफेद दाग) पृष्ठ संख्या -23 के आधार पर ग्रेफाइटिस 200 का एक एक डोज के साथ सेकलेक दिया. 24-06-2002 को रोगी जगत राम घबराते हुए निराशा भाव से दोनों पैर दिखाते हुए बोला-पहले वाला एक्जिमा हो गया. सफेद दाग के स्थान से लसलसा शहद के समान स्राव निकल रहा था. मैंने उसे समझाया कि यह होमियोपैथ का शुभ लक्षण है. आप का सफेद दाग ठीक हो जायेगा. सेकलेक देकर 15 दिन बाद बुलाया. 10-07-2002 को जब वह मेरे पास आया तो  सफेद दाग एवं एक्जिमा में 30 प्रतिशत का आराम हो गया. ग्रेफाइटिस -200 का एक डोज के साथ सेकलेक. तीन माह तक सेकलेक देता रहा. सफेद दाग धीरे-धीरे गायब हो गया. ग्रेफाइटिस -200 की केवल दो मात्रा से सफेद दाग पूरी तरह ठीक हो गया.
3- रोगी का नाम- क कुमारी. पिता- ख सिंह. उम्र-18 साल. ग्राम-घोसैठ, पोस्ट आफिस-अभयपुर, जिला-मुंगेर (बिहार).
दिनांक- 16-04-2004 को दोनों हाथ-पैर में सफेद दाग दिखाते हुए बोली- वर्षों पहले हाथ-पैर में एक्जिमा हुआ था, एलोपैथ सूई-दवा, मलहम उपयोग करने से एक्जिमा ठीक हो गया, लेकिन चार साल से सफेद दाग हो गया है. ये धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है. भागलपुर एवं पटना में एलोपैथ इलाज कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं मिला. इतना बताते-बताते क कुमारी अनेक बार अपने मुंह पर हाथ फेरती रही. मैंने पूछा –मुंह पर हाथ क्यों फेरती हो.
क ने बताया- मुझे चेहरे पर मकड़ी का जाला जैसा अनुभव होता है.
डॉ. सत्यव्रत होमियोपैथी औषधियों का सजीव चित्रण पृष्ठ संख्या-321 इस लक्षण पर ग्रेफाइटिस-200 का एक डोज साथ में सेकलेक. 26-04-2004 को कुछ लाभ नहीं. क के साथ क के पिता भी आये थे, जो खांसते रहते थे. मैंने पिता से पूछा आप को दमा है क्या. तब उन्होंने बताया कि मुझे पहले क्षय रोग था. इसी आधार पर मैंने क को बैसीलिनम-1M का एक डोज एवं दूसरे दिन ग्रेफाइटिस-200 का एक डोज.
20-05-2004 को सफेद दाग के स्थान पर एक्जिमा उभर आया. एक्जिमा से लसलसा पानी चल रहा था. सेकलेक एक डोज. 30-05-2004 को सफेद दाग एवं एक्जिमा में आराम. बेसीलिनम-1M एक डोज. 16-06-2004 को काफी राहत. सेकलेक 26-06-2004 को 75 प्रतिशत सफेद दाग से राहत. बेसीलिनम-1M. दूसरे दिन ग्रेफाइटिस-1M. 10-07-2004 को 10 प्रतिशत राहत, सेकलेक 30-07-2004. सफेद दाग से पूरी तरह आराम. परंतु अभी 15 दिन ही बीते थे कि क देवी को फिर दिक्कत शुरू हुई. इसके बाद तीन महीने तक सेकलेक का डोज दिया. तब जाकर क देवी को सफेद दाग से पूरी तरह राहत मिली.
4- रोगी का नाम-क देवी. उम्र-22 वर्ष. पति-ख सिंह. तिलकामांझी, जिला-भागलपुर. माता-पिता का घर-कल्याणपुर (मुंगेर).
दिनांक-10-05-2004 को क देवी अपने पिता के साथ आकर बोलीं- मेरी गर्दन एवं गाल पर सफेद दाग हो गया है. मुझे नीचे की गति से काफी भय लगता है. श्वेत प्रदर गर्म पानी की धार की तरह बहता है. इसके सफेद दाग में लाल धब्बा देख कर मुझे डॉ दरबारी की लेखनी याद आयी. बोरेक्स-30 सुबह-शाम दे दिया. 25-05-2004 सफेद दाग मलिन. 13-06-2004 को सफेद दाग 50 फीसदी गायब, सेकलेक. 27-06-2004 को सफेद दाग से पूर्ण लाभ. फिर भी मैंने कुछ माह लगातार क देवी को सेकलेक देता रहा. अब जाकर क देवी पूरी तरह से ठीक हैं.
5- रोगी का नाम-क कुमार (कारीगर वेल्डिंग शॉप), स्थान- जमालपुर रेल कारखाना, मुंगेर.
मैं जमालपुर रेल कारखाना में 20 वर्षों से बीमार, रेल इंजन एवं 140 टन क्रेन का इलाज तकनीशियन के रूप में करते-करते अब रेल कर्मी एवं अधिकारियों का होमियोपैथ से इलाज करने वाला चिकित्सक बन चुका था. दिनांक 02-02-2002 को क कुमार दायें-बायें गले पर एवं होंठ पर सफेद दाग की शिकायत लेकर मुझसे मिले और बोले- पांच साल से एलोपैथ, होमियोपैथ एवं आयुर्वेद का इलाज कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं मिला.
मैंने तमाम बातें पूछीं, लेकिन कुछ भी लक्षण स्पष्ट नहीं हुआ, केवल पिता को खुजली एवं एक्जिमा के इतिहास के. मैंने सोरिनम-1M 15 दिन पर एवं एचसी-85, दो गोली चार बार शुरू कर दिया. 10-04-2002 को सफेद दाग में कुछ अंतर आने लगा. इसी दवा को लगभग आठ माह तक चलाता रहा. 17-10-2002 को सफेद दाग पूर्ण रूप से ठीक हो गया. रोगी मेरे साथ ही कार्यरत हैं. अभी वो पूरी तरह ठीक हैं.
6- रोगी का नाम-क देवी, ग्राम-भदौड़ा, पोस्टआफिस-लोहची, जिला-मुंगेर. कल्याणपुर से पांच किमी दक्षिण.
दिनांक 06-01-2001 को आठ वर्षों से एक पैर में फील पांव था. कुछ दिन आयुर्वेद इलाज कराया, फायदा नहीं मिलने पर मेरे पास आयीं. मैंने डॉ सत्यव्रत साहब की रोग तथा होमियोपैथी चिकित्सा पृष्ठ संख्या 270 के अनुसार हाइड्रोकोटाइल-1M एवं डॉ राजेश दीक्षित के कंप्लीट बायोकैमी पृष्ठ संख्या 207 के अनुसार कैलि सल्फ-3X, नेट्रम सल्फ 3X तथा साइलिशिया 12X का मिश्रण एक वर्ष तक देता रहा. मरीज पूरी तरह ठीक हो गयी.
7- रोगी का नाम- क कुमारी. उम्र-30 साल. पति ख कुमार. स्थान-रेलवे अस्पताल-जमालपुर में नर्स के पद पर कार्यरत.
इनकी शिकायत थी कि जुकाम के साथ लगातार छींक आना. छींकते-छींकते आंखों में पानी भर आना. छींक-जुकाम के साथ बेहद सिर दर्द.
दिनांक 04-10-2002 को सेवाडिल्ला-30 एवं बी.सी.-5 दवा देते रहने के बाद वर्षों का रोग एक माह में ही ठीक हो गया.
8- रोगी का नाम-श्री क चटर्जी, वरीय अभियंता-स्टील फाउंड्री, रेलवे वर्कशॉप जमालपुर कारखाना.
चटर्जी साहब ने 22-06-2004 को मुझसे बताया कि मेरे दायें पैर की जांघ से घुटने तक दर्द रहता है. आराम करने पर दर्द बढ़ जाता है. सूई चुभने सा दर्द रहता है. कभी कभी दर्द इतना अधिक होता है कि जैसे चाकू से मेरे पैर को कोई काट रहा है. एलोपैथ दवा से कुछ आराम मिलता है, लेकिन पेट में जलन होने लगती है. मैंने लक्षण जानकर कैलि कार्ब-30 की एक पुड़िया खिला कर मैग फॉस -6X, 4X4 का निर्देश देते हुए एक सप्ताह के बाद बुलाया. चटर्जी साहब तीन दिन बाद मिले और बोले- आप तो जादू की पुड़िया दिये, मेरा दर्द पहली ही खुराक से गायब हो गया.

9- रोगी का नाम- क राय, अनुभाग अभियंता-वेल्डिंग शॉप, रेलवे वर्कशॉप, जमालपुर कारखाना, जिला –मुंगेर.
दिनांक 02-02-03. राय जी ने मुझसे शिकायत की कि गड़गड़ाहट के साथ बार-बार पैखाना होता है. इसका इलाज मैं रेलवे अस्पताल जमालपुर में कराया. भागलपुर के मशहूर फिजीशियन डॉ हेमशंकर शर्मा और पटना के मशहूर फिजीशियन डॉ बीके अग्रवाल को भी दिखाया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. दवा बंद करता हूं, तो मर्ज शुरू हो जाता है. मैंने होमियोपैथ इलाज शुरू करने से पहले उनसे पूछताछ शुरू की, तो पता चला कि उनका पैखाना अत्यंत बदबूदार, सुबह से दोपहर तक रोग में वृद्धि, पैखाना होने के बाद पांव में ऐठन, कभी कब्ज, कभी दस्त बना रहता है. सारा का सारा लक्षण पोडोफाइलम दवा से मिलता लगा. मैंने राय जी को पोडोफाइलम-30 दिन में तीन बार लेने का निर्देश दिया. लगभग एक सप्ताह में उनका सारा कष्ट दूर हो गया. मैं उन्हें तीन माह तक सेकलैक देता रहा. अभियंता साहब का पुराना मर्ज हमेशा के लिए गायब हो गया.
10- रोगी का नाम- श्री क कुमार, सेक्शन आफिसर, ब्वायलर शॉप, रेलवे कारखाना जमालपुर, मुंगेर.
दिनांक 16-04-03 को अपने शरीर में जहां-तहां ग्रंथियों में कड़ा पन दिखाते हुए बोले- महीनों से एलोपैथ इलाज करा रहा हूं, ठीक नहीं हो रहा है. मैंने उन्हें कार्बो एनीमल-200 का डोज एक सप्ताह के लिए दिया. तीन सप्ताह में उनका सारा कष्ट दूर हो गया.
11- रोगी का नाम- क गोस्वामी, उम्र-28 साल, स्थान- कुमारपुर (कल्याणपुर), जिला-मुंगेर.
दिनांक 07-07-2003 को अपने पिता के साथ ट्राली पर लदे कराहते हुए आये और बोले- मेरे कमर के पिछले भाग से पैर की एड़ी तक जोर का दर्द होता है, कभी सुन्न हो जाता है. मैं बहुत दिनों से एलोपैथ दवा खा कर इसे दबा देता रहा, लेकिन अब एलोपैथ दवा का कुछ भी असर नहीं रहता है. मैंने नेफेलियम दवा की 30 शक्ति की दवा तीन बार खाने का निर्देश देकर एक सप्ताह के बाद बुलाया. परंतु गोस्वामी जी अगली बार साइकिल चलाते हुए आये और बोले- आप की दवा ने तो जादू कर दिया. मुझे अब किसी तरह का दर्द नहीं है.

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