होमियोपैथिक औषधियों से लक्षणों की समानता के आधार पर अनेकानेक औषधियां प्रभावकारी रहती हैं.
- खाद्य पदार्थों से एलर्जी होने पर ‘आर्सेनिक’ 30 शक्ति में व ‘नक्सवोमिका’ 30 शक्ति में.
- तम्बाकू व धुएं से एलर्जी होने पर ‘इग्नेशिया’ 30 या 200 शक्ति में.
- धूल से एलर्जी होने पर ‘ब्रोमीन’ 30 शक्ति में.
- अत्यधिक छींक आने पर नाक टपकने पर ‘नेट्रमम्यूर’ 200 की एक खुराक व ‘एलियम सीपा’ 30 शक्ति में.
- चेहरा लाल पड़ने पर ‘बेलाडोना’ 30 शक्ति में.
- कीट-पतंगों से एलजीं होने पर ‘एपिस’ 30 शक्ति में.
- शरीर पर पित्ती उछलने पर ‘डल्कामारा’ 30 शक्ति में .
- सूजन आने पर ‘एपिस’ 30 शक्ति में.
- शरीर पर चकत्ते पड़ने पर ‘आर्टिका यूरेंस’ औषधि मूल अर्क में लें. शैल फिश (एक प्रकार की मछली) खाने से होने वाली एलर्जी में भी यह लाभकारी है.
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