मंगलवार, 11 सितंबर 2012

सारस पक्षी का प्रजनन


कम हो सकता है सारस पक्षी का प्रजनन

भरथना (इटावा)। परिस्थितियां अनुकूल न होने से इस बार सारस पक्षियों का प्रजनन कम होने के आसार लग रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में यह जिला सारस पक्षी के प्रजनन के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।
आमतौर पर सितंबर माह में 60-65 जोड़े सारस पक्षी अपने अंडों को सहेजते हुए आसानी से देखे जाते थे। मगर इस बार इनकी संख्या महज 20-25 के आसपास ही नजर आ रही है। इन पक्षियों की देखरेख में रहने वाली संस्था सोसाइटी ऑफ कंजरवेशन ऑफ नेचुरल के महासचिव डा राजेश कुमार की माने तो तालाबों का घटना, धान की रोपाई देरी से होना और मानसून भी लेट आना आदि कारण इसके लिए जिम्मेदार माने जा सकते हैं।
ताखा ब्लाक स्थित सरसईनावर झील पक्षी विहार के तौर पर जानी जाती है। भरथना के ग्रामीण क्षेत्रों में सारस पक्षी के प्रजनन का यह पीक समय होता है। जब बरसात प्रारंभ हो जाती है। तब जुलाई, अगस्त और सितंबर माह में वह अंडे देते हैं। 30-32 दिनों तक वह अंडों को सहेजते हैं। तब कहीं जाकर इन अंडों से बच्चे निकलते हैं।
इस वर्ष सारस के जोड़ों की कम संख्या चिंतित करने वाली है। जिले में सारस पक्षी की संख्या पूर्व में हुई गणना के अनुसार करीब चार हजार आंकी जाती है। डा. राजेश के अनुसार सारस हमेशा ऐसे क्षेत्रों का चुनाव करते हैं। जहां आसपास पानी हो और आसानी से भोजन प्राप्त हो सके। इस पक्षी का प्रजनन कम होता है तो चिंता की बात है। क्योंकि इस पक्षी के आने से ही जिले की ओर जीव जंतु विशेषज्ञों का रुझान बढ़ा है।

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