सोमवार, 2 जुलाई 2018

अश्वगंधा आयुर्वेद में उपयोग की जाने वाली एक अदभुत ओषधि है

अश्वगंधा आयुर्वेद में उपयोग की जाने वाली एक अदभुत ओषधि है | कृपया इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें व पुण्य कमाएँ 
इसीलिए अश्वगंधा को प्रयोग करके वीर्य की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है | साथ ही premature ejaculation और दूसरी कामक्रिया सम्बन्धी 
अश्वगंधा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है जिससे आप बहुत सी बिमारियों से बच सकते हैं | छोटी मोटी समस्याएँ तो अश्वगंधा के प्रयोग से आपको छु भी नहीं पाएंगी
इसमें एंटी ऑक्सीडेंट की मात्रा बहुत अधिक होती है जिससे ये इम्युनिटी को बढाता है
यह हमारे दिल के मसल्स को मजबूत बनाता है | यह cholesterol और triglyceride के levels को कम करता है जो की एक रिसर्च में प्रमाणित हो चूका है
इस तरह यह रक्त में कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम कर आपको हार्ट अटैक जैसी गम्भीर समस्या से बचाता है

अश्वगंधा वेट गेन के साथ height gain करने में भी आपकी मदद कर सकता है | अगर आप सच में हाइट बढ़ाना चाहते है तो आप इसे प्रयोग कर सकते हैं और इसके पत्तों का सेवन करने से वेट कम होता है.
इसके सेवन से ग्रोथ होर्मोनेस ट्रिगर होते हैं जिससे आपकी हाइट बढ़ सकती है | यह bone skeleton को चौड़ा और बड़ा करता है | जिससे हाइट बढ़ाने में मदद मिलती है, इसके साथ आपको कुछ हाइट बढ़ाने वाली एक्सरसाइजेज भी करनी चाहिए

यह थाइरोइड से पीड़ित लोगों की मदद कर सकता है | यह थाइरोइड ग्रंथि की सही कार्य प्रणाली में मदद करता है |

यह शरीर में स्फूर्ति व नयी उर्जा का संचार करता है | थाइरोइड की समस्या की वजह से आई शारीरिक कमजोरी को भी दूर करता है अगर ashwagandha roots (जड़) का प्रयोग लगातार किया जाए तो इससे thyroid hormones के स्त्राव में वृद्धि होती है |
अश्वगंधा में कैंसर से लड़ने के गुण पाए जाते हैं | बहुत सी रिसर्च में ये बात सामने आई है कि अश्वगंधा कैंसर सेल्स को बनने और बढ़ने से रोकता है |
यह शरीर में रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज (ROS) का निर्माण करता है जो कैंसर सेल्स को ख़तम करती हैं |

इसका प्रयोग कैंसर के इलाज के साथ भी किया जा सकता है | यह कीमोथेरपी को प्रभावित किए बिना कीमोथेरपी से होने वाले साइड इफेक्ट्स को भी कम करता है |
इसके प्रयोग से कीमोथेरपी की वजह से शरीर के दुसरे सेल्स को होने वाले नुक्सान से भी बचा जा सकता है | यह कीमोथेरपी व रेडिएशन जैसी प्रक्रियाओं के प्रभाव को भी बढ़ा देता है
अश्वगंधा में मौजूद alkaloids, saponins और steroidal lactones के कारण ये एक एंटी इन्फ्लाम्मेट्री की तरह से काम करता है और सूजन को कम करता है
अपने anti-inflammatory गुणों की वजह से इसे आर्थराइटिस और ओस्टो आर्थराइटिस के इलाज में प्रयोग किया जाता है
यह जोड़ों की सूजन को कम करता है और जोड़ों में होने वाले दर्द से भी राहत दिलाता है | इसके प्रयोग से जोड़ों व शरीर में शक्ति का संचार होता है | जिससे पीड़ित मरीज सामान्य जीवन जी सकता है
अश्वगंधा में एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं |
यह सामान्य सर्दी जुकाम से लेकर दुसरे बड़े इन्फेक्शन में भी शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है
यह urinogenital, gastrointestinal और respiratory tract infections को दूर करने में गुणकारी तरीके से काम करती है
अश्वगंधा दिमाग को तेज करने की कारगर आयुर्वेदिक ओषधि है | इसे लेने से neural signals को ट्रांसमिट करने वाले acetylcholine की प्रोडक्शन में इजाफा होता है
Alzheimer’s disease से लड़ने में यह एक रिसर्च के अनुसार कारगर साबित हुआ है
अश्वगंधा के इस्तेमाल से सोचने समझने की शक्ति, यादाश्त और कंसंट्रेशन में भी इजाफा होता है | बुढ़ापे में भूलने और दूसरी दिमाग से जुडी समस्याओं में भी अश्वगंधा का प्रयोग फायदेमंद होता है
रात को सोने से पहले गर्म दूध के साथ अश्वगंधा पाउडर का सेवन लाभकारी माना जाता है | इससे नींद भी अच्छी आती है

आप अश्वगंधा चूर्ण को पानी में कुछ देर उबाल कर इसे काढ़ा या चाय के रूप में भी प्रयोग में ला सकते हैं |
किसी भी पदार्थ को अधिक मात्रा में लेना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक ही होता है | अगर अश्वगंधा को भी अधिक मात्रा में लिया जाए तो पेट में दर्द, डायरिया और जी घबराने जैसी परेशानी हो सकती है |

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें