होम्यो पैथी अपनाये रोग दूर भगाये भाग -11
१७५-अन्शुल ४ साल के दूध के दांत गिर गये परन्तु पक्के दांत आने में देर हो रही थी। कैल्केरिया फ़ास देने से उसके पक्के दंत आने शुरु हो गये।
१७६-संजय के मल द्वार से हर समय लहू निकलता रह्ता पर टट्टी के द्वारा कभी भी खून नही निकलता।कोबाल्ट -२०० देने से आराम आगया।
१७७-पिंकी ७ साल उसको बहुत फ़ोडे फ़ुन्सियां निकलती फ़ुन्सियां के पकने पर उनसे मवाद निकलती ही रह्ती। घाव काफ़ी दिनो तक ठीक ही न होते। कैल्केरिया -३० देने से मवाद निकलना बन्द होगया।
१७८- महेन्द्र सिंह ५० साल पैर के अंगूठे के पास बहुत सूजन और दर्द था। दर्द के कारण रात को नींद नही आती। चलना फ़िरना कठिन था। बारबरिस-३०( Ber beris -30) की तीन खुराकें प्रति दिन तीन दिन तक देने से सूजन और दर्द दोनो में आ राम आग या। पैर के अंगूठे या पैर की उंगलियों में गठिया( S ciatica) के दर्द के लिये बारबरिस बढिया दबा है।
१७९-मंजू २८ साल के फ़ेफ़डों की झिल्ली में पानी भर गया था।(Pleuresy) एकोनाइट और ब्रायोनियां देने से Pleuresy में आराम हो गया। लेकिन सांस लेने में परेशा नी होरही थी।एब्रोटेनम-२०० (Abrotanum-200) देने से पूरी तरह से आराम आगया।
१८०-कोमल ७ महीने की उसे हरे रंग की टट्टियां लग गई बच्ची मां के दूध के अलावा कुछ नही ले रही थी, पूछ्ने पर पता चला कि पिछ्ले दिन मां ने खूब मिठाई खाई थी। अर्जेन्ट-नाइट्रिकम २०० उसको और उसकी मां को देने से बच्ची की टट्टियां ठीक होगई।
१८१-राम शंकर ७० साल को रात के समय खांसी का दौरा पडता खांसी से शुरु होता और नाक से पतला पानी निकलने लगता गले से पतली बलगम खांसी के साथ निकलती । लछणानु सार कई दबाईयां दी आराम नही मिला पूछने पर चला कि जब वह पेट के बल लेट्ता है तो उसे आराम मिलता है। बरेटाकार्ब-३०(Barytacarb) देने से उसे खांसी में आराम आगया।
१८२-संजीव १६ साल जब शाम को सोने लगता तो उसे बुखार रहता जब तक सोता रह्ता। और उठने पर बुखार उतर जाता कलेडियम २००(Caladium-200) की एक खुराक से उसका बुखार ह्ट गया|
१८३-रंजना ५० साल रात को बहुत खांसी आती जिसकी बजह से वह सो भी न सकती थी। उसने बताया खांसी का दौरा रात की पहली नींद के बाद ही शुरु होता। अरेलिया रेसीमोसा-३०(AraliaRacemosa-30) देने से खांसी में आराम आगया।
१८४-नीतू ३० साल के मुंह में छाले हो गये दर्द के कारण कुछ खापी भी नही सकती थी मुंह में छाले हो गये थे। छाले की आम दवा मर्कसोल है यदि इससे आराम न आये तो चैलीडोनियम -३० दें(Chelidonium-30) की तीन खुराकों से ही आराम आगया।
१८५-रजनी देवी ५० साल को चक्कर आते थे। रात सोने के लिये जब लेटती या सुबह जब चारपाई से सो कर उठती तो चक्कर आते थे। बेलाडोना-३० देने से आराम आगया।याद रक्खें जब लेटते समय चक्कर आयें तो बेलाडोना-३०दें।
१८६-राजनीश २२ साल मक्खियों से बहुत तंग था। हर समय मक्खियां उस के इर्द गिर्द मंडराती रह्ती।कारण उसके पसीने में मिठास की खुशबू थी और मक्खियां मिठास की बजह से उसकी ओर खिचीं चली आतीं थी। (Caladium-30) देने से उसके पसीने से मिठास की खुशबू ह्ट गई और उसे आराम आगया।
१८७-राजाराम ४५ साल को पुराना दर्द था इस दर्द का बिशेष चिन्ह यह था कि वह जिस ओर सिर टिकाता दर्द दूसरी ओर चला जाता। कैल्केरिया आर्स -२००( Calcarea Arsenica-200) देने से उसका सिर दर्द दूर हो गया।
१८८-पिन्टू ३ साल बहुत गन्दी हवा निकालता हर समय उसकी चड्डी में ट्ट्टी लगी रह्ती गैस पास होने के साथ ट्ट्टी निकल जाती ओलियण्डर -३० देने से उसकी परेशानी दूर हो गयी।
१८९- विनोद ३५ साल रात को सोने के लिये जब बिस्तर पर जाता तो उस की टांगो में दर्द होता टांगे हिलाने से थोडा चैन आजाता । लाइको पोडियम २०० देने से उसे आराम आगया।
१९०-विमलेश ३३ साल के गले में बलगम इस प्रकार फ़ंसा हुआ था कि जैसे गले में कुछ चीज अट्की हुई हो। बलगम न तो बाहर निकाल पा रहा था नही अन्दर निगल पा रहा था।सांस लेने एवं खाने पीने में भी परेशानी हो रही थी। काली कार्ब -२००( KaliKarb-200) की तीन खुराकों में ही उसे आराम आगया।
१९१- संजुला ५२ साल की उंगलियों के जोडों में बहुत दर्द था । उस के पेट में अफ़रा था।हर समय पेट में दर्द रह्ता था। कपडे के छूने से भी दर्द म हसूस करती थी। काल्ची कम -३०(Colchicum-30) दवा से पेट दर्द अफ़रा और उंगलियों के दर्द में आराम आ ग या।
१७५-अन्शुल ४ साल के दूध के दांत गिर गये परन्तु पक्के दांत आने में देर हो रही थी। कैल्केरिया फ़ास देने से उसके पक्के दंत आने शुरु हो गये।
१७६-संजय के मल द्वार से हर समय लहू निकलता रह्ता पर टट्टी के द्वारा कभी भी खून नही निकलता।कोबाल्ट -२०० देने से आराम आगया।
१७७-पिंकी ७ साल उसको बहुत फ़ोडे फ़ुन्सियां निकलती फ़ुन्सियां के पकने पर उनसे मवाद निकलती ही रह्ती। घाव काफ़ी दिनो तक ठीक ही न होते। कैल्केरिया -३० देने से मवाद निकलना बन्द होगया।
१७८- महेन्द्र सिंह ५० साल पैर के अंगूठे के पास बहुत सूजन और दर्द था। दर्द के कारण रात को नींद नही आती। चलना फ़िरना कठिन था। बारबरिस-३०( Ber beris -30) की तीन खुराकें प्रति दिन तीन दिन तक देने से सूजन और दर्द दोनो में आ राम आग या। पैर के अंगूठे या पैर की उंगलियों में गठिया( S ciatica) के दर्द के लिये बारबरिस बढिया दबा है।
१७९-मंजू २८ साल के फ़ेफ़डों की झिल्ली में पानी भर गया था।(Pleuresy) एकोनाइट और ब्रायोनियां देने से Pleuresy में आराम हो गया। लेकिन सांस लेने में परेशा नी होरही थी।एब्रोटेनम-२०० (Abrotanum-200) देने से पूरी तरह से आराम आगया।
१८०-कोमल ७ महीने की उसे हरे रंग की टट्टियां लग गई बच्ची मां के दूध के अलावा कुछ नही ले रही थी, पूछ्ने पर पता चला कि पिछ्ले दिन मां ने खूब मिठाई खाई थी। अर्जेन्ट-नाइट्रिकम २०० उसको और उसकी मां को देने से बच्ची की टट्टियां ठीक होगई।
१८१-राम शंकर ७० साल को रात के समय खांसी का दौरा पडता खांसी से शुरु होता और नाक से पतला पानी निकलने लगता गले से पतली बलगम खांसी के साथ निकलती । लछणानु सार कई दबाईयां दी आराम नही मिला पूछने पर चला कि जब वह पेट के बल लेट्ता है तो उसे आराम मिलता है। बरेटाकार्ब-३०(Barytacarb) देने से उसे खांसी में आराम आगया।
१८२-संजीव १६ साल जब शाम को सोने लगता तो उसे बुखार रहता जब तक सोता रह्ता। और उठने पर बुखार उतर जाता कलेडियम २००(Caladium-200) की एक खुराक से उसका बुखार ह्ट गया|
१८३-रंजना ५० साल रात को बहुत खांसी आती जिसकी बजह से वह सो भी न सकती थी। उसने बताया खांसी का दौरा रात की पहली नींद के बाद ही शुरु होता। अरेलिया रेसीमोसा-३०(AraliaRacemosa-30) देने से खांसी में आराम आगया।
१८४-नीतू ३० साल के मुंह में छाले हो गये दर्द के कारण कुछ खापी भी नही सकती थी मुंह में छाले हो गये थे। छाले की आम दवा मर्कसोल है यदि इससे आराम न आये तो चैलीडोनियम -३० दें(Chelidonium-30) की तीन खुराकों से ही आराम आगया।
१८५-रजनी देवी ५० साल को चक्कर आते थे। रात सोने के लिये जब लेटती या सुबह जब चारपाई से सो कर उठती तो चक्कर आते थे। बेलाडोना-३० देने से आराम आगया।याद रक्खें जब लेटते समय चक्कर आयें तो बेलाडोना-३०दें।
१८६-राजनीश २२ साल मक्खियों से बहुत तंग था। हर समय मक्खियां उस के इर्द गिर्द मंडराती रह्ती।कारण उसके पसीने में मिठास की खुशबू थी और मक्खियां मिठास की बजह से उसकी ओर खिचीं चली आतीं थी। (Caladium-30) देने से उसके पसीने से मिठास की खुशबू ह्ट गई और उसे आराम आगया।
१८७-राजाराम ४५ साल को पुराना दर्द था इस दर्द का बिशेष चिन्ह यह था कि वह जिस ओर सिर टिकाता दर्द दूसरी ओर चला जाता। कैल्केरिया आर्स -२००( Calcarea Arsenica-200) देने से उसका सिर दर्द दूर हो गया।
१८८-पिन्टू ३ साल बहुत गन्दी हवा निकालता हर समय उसकी चड्डी में ट्ट्टी लगी रह्ती गैस पास होने के साथ ट्ट्टी निकल जाती ओलियण्डर -३० देने से उसकी परेशानी दूर हो गयी।
१८९- विनोद ३५ साल रात को सोने के लिये जब बिस्तर पर जाता तो उस की टांगो में दर्द होता टांगे हिलाने से थोडा चैन आजाता । लाइको पोडियम २०० देने से उसे आराम आगया।
१९०-विमलेश ३३ साल के गले में बलगम इस प्रकार फ़ंसा हुआ था कि जैसे गले में कुछ चीज अट्की हुई हो। बलगम न तो बाहर निकाल पा रहा था नही अन्दर निगल पा रहा था।सांस लेने एवं खाने पीने में भी परेशानी हो रही थी। काली कार्ब -२००( KaliKarb-200) की तीन खुराकों में ही उसे आराम आगया।
१९१- संजुला ५२ साल की उंगलियों के जोडों में बहुत दर्द था । उस के पेट में अफ़रा था।हर समय पेट में दर्द रह्ता था। कपडे के छूने से भी दर्द म हसूस करती थी। काल्ची कम -३०(Colchicum-30) दवा से पेट दर्द अफ़रा और उंगलियों के दर्द में आराम आ ग या।