मंगलवार, 11 सितंबर 2012

गाय की शव यात्रा निकली गयी

जहां कार्यरत श्रीराम गौशाला पिछले 20 वर्षो से अपंग गाय-भैंसों के उपचार और उनकी सेवा-चाकरी का कार्य करती आ रही है।
रविवार को यहां मधु नामक गाय की मौत हो गई।
इस गाय से यहां के लोगों का इतना लगाव था कि उसकी मौत की खबर से लोग गमगीन हो उठे।
गौशाला के कर्मचारियों ने मधु की पूरी शास्त्र-विधि के बाद उसकी शव यात्रा निकाली और अंतिम संस्कार किया।
पशु प्रेम का अनोखा दृश्य तब देखने को मिला जब इस शवयात्रा में गौशाला के कर्मचारी ही नहीं, बल्कि शहर के लोग भी जुड़ते चले गए और उसे कंधा दिया। गौशाला के कर्मचारी बताते हैं कि मधु नामक यह गाय इतनी शालीन थी कि जब इसे चारा डाला जाता था और इसी बीच अगर कोई दूसरी गाय इसका चारा खाना आ जाती थी,
तब वह खुद-ब-खुद वहां से हट जाती थी।


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