आप लोगो की जानकारी के लिए बता दू, ये मलबा या कचरा नही है, भारतीय वैज्ञानिको का कहना है की इस सेतु (
धनुष-कोटि ) के तल मे 7 तरह के रेडियो एक्टिव एलीमेंट है | जो पूरी दुनिया में सिर्फ़ भारत में ही मिले है। जिसे निकाल कर 150 साल तक बिजली और परमाणु बम्ब बनाये जा सकते हैं । और ये बात भारत के सबसे बड़े वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति डॉ ऐ.पी.जे अबदुल कलाम ने कही थी ।
दोस्तों अमेरिका की नजर इस रेडियो एक्टिव मैटिरियल पर लगी । ये लोग इसे अमेरिका को बेचना चाहते हैं, और जब ये अपने मकसद में कामयाब नही हो पाए तो इन्होने नया तरीका निकाला हें, ये इसे सयुंक्त राष्ट्र संघ की संस्था ''यूनेस्को'' की निगरानी में देना चाहते हें, स.रा. संघ में अमेरिकी दादागिरी शायद हर आदमी जानता हें ।ये इसे तोड़ने मे एक बार असफल हो चुके हैं अब ये इनका दुबारा नया प्लान हें। ..उसे युनेस्को जैसी बाहरी संस्था के हवाले न किया जाए..
दोस्तों अमेरिका की नजर इस रेडियो एक्टिव मैटिरियल पर लगी । ये लोग इसे अमेरिका को बेचना चाहते हैं, और जब ये अपने मकसद में कामयाब नही हो पाए तो इन्होने नया तरीका निकाला हें, ये इसे सयुंक्त राष्ट्र संघ की संस्था ''यूनेस्को'' की निगरानी में देना चाहते हें, स.रा. संघ में अमेरिकी दादागिरी शायद हर आदमी जानता हें ।ये इसे तोड़ने मे एक बार असफल हो चुके हैं अब ये इनका दुबारा नया प्लान हें। ..उसे युनेस्को जैसी बाहरी संस्था के हवाले न किया जाए..
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