आमला कैंडी सबको बहुत पसंद आती है. बिन मौसम के आवला का फायदा लेना हो तो आवला कैंडी से बेहतर कुछ नहीं हो सकता. मुरब्बे की तरह एक्स्ट्रा चीनी consume करने का डर भी नहीं है और लम्बे समय तक आसानी से preserve भी कर सकते है. अक्सर लोग बच्चों के लिए कैंडी लाते हैं लेकिन स्वादिष्ट होने के कारण ये बहुत जल्द ख़त्म हो जाती है . मार्केट में अक्सर पिछले सीजन की रखी हुई आमला कैंडी ही मिलती है. यदि इसे घर पर बनाया जाये तो ताज़ी उपलब्ध होगी और जेब पर भी भारी नहीं पड़ेगी.
#आवश्यक_सामग्री ----- आंवला - 1 किलोग्राम , चीनी - 700 ग्राम
#विधि ----- (1) आवले ठीक से साफ़ करके उबलते पानी में डाल दें पानी इतना ही रखें की आवले केवल डूब जाएँ. जब आंवले ठीक से पक कर उनकी फांके फटने लगे तो आंच बंद करके आवलों को बाहर पानी से बाहर निकाल कर ठंडा होने दें.
(2) अब आंवलों को हल्का दबाकर उनके बीज निकाल दें.
(3) किसी स्टील के बर्तन में बीज निकाले हुए आंवले की फांके डालकर ऊपर से चीनी डाल दें. लगभग 12 घंटे बाद आप देखेंगे की सब चीनी घुल गयी है और आवले तैर रहे हैं. इसे अभी ऐसे ही पड़ा रहने दें.
(4) दो दिन बाद आप देखेंगे की आंवलों का आकार पहले से कुछ सिकुड़ गया है और वो बर्तन की तली में बैठ गए हैं.
(5) जब सारे आवले बर्तन की तली में बैठ जाएँ तो इन्हें किसी छन्नी की सहायता से छान लें और जब सारा पानी निकल जाये तो धूप में सुखा लें.
(6) धूप में इतना ही सुखाएं की आवले की ऊपरी सतह की नमी ख़त्म हो जाये ज्यादा सुखा देने से ये कड़े हो जाते हैं. अब दो तीन चम्मच चीनी और दो छोटी इलायची आपस में पीसकर इस पाउडर को सूखे हुए आवलों पर छिड़क कर ठीक से मिक्स कर लें. और कांच के बर्तन में सुरक्षित रख लें.
यदि चटपटी बनानी हो तो आधा चम्मच काला नमक तीन चम्मच चीनी चौथाई चम्मच काली मिर्च चौथाई चम्मच दालचीनी मिलाकर पीसें और इससे कोटिंग करें.
ज्यादा मात्रा में बनाये तो चीनी और आवले का अनुपात यही रखें. चीनी कम लेने से ठीक नहीं बनता और जल्दी खराब हो जाता है चीनी ज्यादा रखने से आवले का पानी ज्यादा निकल जाता है और बहुत कड़े बनते हैं.